26 नक्सली घटनाओं में शामिल 8 लाख की इनामी ममता ने किया सरेंडर
सुरक्षाबलों की सख्ती और वरिष्ठ नक्सलियों द्वारा शोषण से निराश होकर छत्तीसगढ़ के कांकेर में 7 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया। इनमें हार्डकोर नक्सली ममता भी शामिल है, जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम था। वह 26 नक्सली घटनाओं में शामिल थी।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबलों पर कई हमलों में शामिल तीन महिलाओं सहित सात नक्सलियों ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों पर कुल 32 लाख रुपए का इनाम घोषित था। कांकेर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इंदिरा कल्याण एलेसेला ने कहा कि कैडरों ने खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा और वरिष्ठ नक्सलियों द्वारा शोषण का हवाला देते हुए यहां वरिष्ठ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में से ममता उर्फ शांता उर्फ वासना बट्टुलाई (60), दिनेश मत्तामी (20) और आयतु राम पोटाई (27) पर आठ-आठ लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य तेलंगाना के करीमनगर जिले की रहने वाली ममता एक डिविजनल कमेटी सदस्य के रूप में सक्रिय थी। वह माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिविजन में गैरकानूनी संगठन की अग्रणी शाखा ‘क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन’ (केएएमएस) की प्रमुख थीं। 1996 से 2024 के बीच वह 26 नक्सली घटनाओं में शामिल थी। इसमें 2015 में पंचायत चुनाव के दौरान कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र में आईईडी विस्फोट भी शामिल था, जिसमें दो जवान मारे गए थे।
वहीं, मत्तामी सैन्य कंपनी नंबर के सदस्य के रूप में सक्रिय था। पोटाई माओवादियों की 10 मिलिट्री कंपनी नंबर का सदस्य था। आत्मसमर्पण करने वाला एक अन्य कैडर जमुना उर्फ नीरा नेताम (50), परतापुर क्षेत्र समिति के सदस्य के रूप में सक्रिय थी। जमुना कई नक्सली हमलों में भी शामिल थी। इसमें 2007 में भुस्की-मिचगांव गांव में घात लगाकर किया गया हमला भी शामिल था, जिसमें पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे और 18 अन्य घायल हो गए थे। उस पर 5 लाख रुपए का इनाम था।
तीन अन्य नक्सली परतापुर एलजीएस (स्थानीय गुरिल्ला दस्ता) के सदस्य इतवारिन पद्दा (25), पानीडोबिर/रावघाट एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ते) के संजय नरेटी (23) और पानीडोबिर एलओएस सदस्य सगनू राम आंचला (24) पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था। एसएसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25000 रुपए की सहायता प्रदान की गई। सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। पिछले साल कांकेर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।