मकर संक्रांति के खास मौके पर इन स्थानों पर लगाएं श्रद्धा की डुबकी, मिलेगा अक्षय पुण्य

मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) का पर्व, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन पर गंगा स्नान का भी काफी महत्व माना गया है। ऐसे में हम आपको इस खास मौके पर हम आपको कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनपर आप स्नान आदि द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है, जिसमें आप स्नान-दान करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं

मकर संक्रांति पुण्य काल – सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक

मकर संक्रांति महा पुण्य काल – सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक

मकर संक्रांति का क्षण – सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक

संक्रांति करण – बालव

संक्रांति नक्षत्र – पुनर्वसु

होती है पुण्य फलों की प्राप्ति

मकर संक्रांति के दिन से ही प्रयागराज में महाकुंभ का भी आयोजन होने जा रहा है। इस स्थान को तीर्थ राज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप मकर संक्रांति के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं, तो इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

जरूर लगाएं डुबकी

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने से साधक को पुण्य लाभ मिलते हैं। ऐसे में आप मकर संक्रांति के दिन हरिद्वार की यात्रा का भी प्लान बना सकते हैं।

मिलता है अक्षय पुण्य

मकर संक्रांति के मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु वाराणसी में गंगा स्नान और काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं को अक्षय पुण्य (कभी न खत्म होने वाला पुण्य) मिलता है। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है।

उठा सकते हैं पुण्य स्नान का लाभ

पश्चिम बंगाल का गंगासागर भी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मकर संक्रांति के मौके पर हुगली नदी के संगम पर मेला भी लगता है। ऐसे में आप मकर संक्रांति पर बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्नान का लाभ भी उठा सकते हैं।

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