बुधवार की पूजा में करें गणेश जी के इन नामों का जप, सभी विघ्न होंगे दूर
शास्त्रों में वर्णित है कि बुधवार के दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अगर आप गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बुधवार की पूजा के दौरान गणपति बप्पा के 108 नामों का जप करें। इससे रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाहा करियर प्राप्त प्राप्त होता है।
गणेश जी के 108 नाम
गजानन: ॐ गजाननाय नमः।
गणाध्यक्ष: ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
विघ्नराज: ॐ विघ्नराजाय नमः।
विनायक: ॐ विनायकाय नमः।
द्वैमातुर: ॐ द्वैमातुराय नमः।
द्विमुख: ॐ द्विमुखाय नमः।
प्रमुख: ॐ प्रमुखाय नमः।
सुमुख: ॐ सुमुखाय नमः।
कृति: ॐ कृतिने नमः।
सुप्रदीप: ॐ सुप्रदीपाय नमः।
सुखनिधी: ॐ सुखनिधये नमः।
सुराध्यक्ष: ॐ सुराध्यक्षाय नमः।
सुरारिघ्न: ॐ सुरारिघ्नाय नमः।
महागणपति: ॐ महागणपतये नमः।
मान्या: ॐ मान्याय नमः।
महाकाल: ॐ महाकालाय नमः।
महाबला: ॐ महाबलाय नमः।
हेरम्ब: ॐ हेरम्बाय नमः।
लम्बजठर: ॐ लम्बजठरायै नमः।
ह्रस्वग्रीव: ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः।
महोदरा: ॐ महोदराय नमः।
मदोत्कट: ॐ मदोत्कटाय नमः।
महावीर: ॐ महावीराय नमः।
मन्त्रिणे: ॐ मन्त्रिणे नमः।
मङ्गल स्वरा: ॐ मङ्गल स्वराय नमः।
प्रमधा: ॐ प्रमधाय नमः।
प्रथम: ॐ प्रथमाय नमः।
प्रज्ञा: ॐ प्राज्ञाय नमः।
विघ्नकर्ता: ॐ विघ्नकर्त्रे नमः।
विघ्नहर्ता: ॐ विघ्नहर्त्रे नमः।
विश्वनेत्र: ॐ विश्वनेत्रे नमः।
विराट्पति: ॐ विराट्पतये नमः।
बुधवार की पूजा थाली में मोदक और फल को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
श्रीपति: ॐ श्रीपतये नमः।
वाक्पति: ॐ वाक्पतये नमः।
शृङ्गारिण: ॐ शृङ्गारिणे नमः।
अश्रितवत्सल: ॐ अश्रितवत्सलाय नमः।
शिवप्रिय: ॐ शिवप्रियाय नमः।
शीघ्रकारिण: ॐ शीघ्रकारिणे नमः।
शाश्वत: ॐ शाश्वताय नमः।
बल: ॐ बल नमः।