सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, जेपी की जयंती पर अखिलेश को रोके जाने पर संजय सिंह का रिएक्शन

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) नहीं जाने को लेकर अब राजनीतिक बयान बाजी भी शुरू हो गई है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि पिछली बार भी अखिलेश यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए गेट लांघकर जाना पड़ा था। मैं समझता हूं कि एक भारत की दूसरी आजादी के योद्धा लोक नायक जयप्रकाश नारायण, जिन्होंने क्रांति का नारा दिया। करोड़ों युवा उनके पीछे चले। देश में आपातकाल खत्म हुआ….ऐसे व्यक्ति को आप श्रद्धांजलि देने से आप कैसी रोक सकते है…एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) को आपने रोक दिया। ये बहुत गलत बात है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी महापुरुष का सम्मान करने से नहीं रोक सकती है। यह सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है।आप को बता दें कि अखिलेश यादव शुक्रवार को जेपी की जयंती पर माल्यार्पण करने के इरादे जेपीएनआईसी में स्मारक में जाने वाले थे लेकिन पुलिस ने सुरक्षा करणों का हवाला देकर उन्हें जाने से रोक दिया। उसके बाद उसके अवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। उसके बाद नाराज सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। उसके बाद उसके अवास के बाहर एक वाहन पर रखी जयप्रकाश नारायण की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अधिकारियों द्वारा सपा नेता को सुरक्षा कारणों से जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) नहीं जाने देने के बाद उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास के बाहर सुबह से ही सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता एकत्र थे।

समाजवादी नेता और आपातकाल के प्रखर आलोचक के रूप प्रख्यात दिवंगत जेपी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी पार्टी के बीच टकराव का नवीनतम केंद्र बनकर उभरे है। सपा कार्यकर्ता यादव के आवास के बाहर एकत्र हुए थे, तथा सपा प्रमुख के जेपीएनआईसी के निर्धारित दौरे को लेकर अस्पष्टता बनी हुई थी। सुबह करीब साढ़े 10 बजे समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता विक्रमादित्य मार्ग पर एकत्र हुए। सड़क पर अखिलेश यादव ने एक वाहन पर रखी जय प्रकाश नारायण की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ सैकड़ो सपा कार्यकर्ता लाल टोपी पहने हुए थे और नारे लगा रहे थे। उनके साथ सपा नेता लाल बिहारी यादव, राजेंद्र चौधरी, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, राम गोविंद चौधरी समेत अन्य लोग थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर हम हर बार जेपीएनआईसी संग्रहालय जाते हैं। लेकिन पता नहीं यह सरकार हमें ऐसा करने से क्यों रोकती है।” उन्होंने कहा, “भाजपा द्वारा यह नाकाबंदी पहली बार नहीं की जा रही है। उसने सभी अच्छे कामों को रोक दिया है। हालांकि, आज हम सड़क पर खड़े होकर ‘जन-नायकश् को याद कर रहे हैं। यह सरकार हमें माल्यार्पण करने से रोकना चाहती है, लेकिन हमने यहीं सड़क पर माला पहना रहे हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जेपीएनआईसी में स्मारक को “बेचने की साजिश” के कारण ढक दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, “कल्पना कीजिए, एक सरकार है जो एक संग्रहालय को बेचना चाहती है।” इससे पहले, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने यादव को सूचित किया था कि जेपीएनआईसी का उनका पूर्व नियोजित दौरा सुरक्षा के लिहाज से “उचित नहीं” है, क्योंकि वहां निर्माण कार्य चल रहा है। एलडीए ने आठ अक्टूबर के अपने पत्राचार का हवाला देते हुए एक पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, कन्वेंशन सेंटर में स्थित प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे। एलडीए ने 10 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है, “यह अवगत कराना है कि इंजीनियरिंग विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कार्य स्थल की अद्यतन स्थिति के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराई है, जिसमें जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना अभी निर्माणाधीन है।” उसने कहा था, “निर्माण सामग्री अनियोजित तरीके से रखी गई है और बरसात का मौसम होने के कारण अवांछित जीवों के मौजूद होने की आशंका है। यह स्थल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, की सुरक्षा की दृष्टि से माल्यार्पण,भ्रमण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है।

यादव ने शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप और तस्वीरें साझा कीं, जिसमें पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ यहां उनके घर के पास बैरिकेड लगे हैं। यह घर सपा मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर है। उन्होंने ‘एक्स पर कहा, “भाजपा के लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।” सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने श्रद्धांजलि, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक), सौहार्द का मार्ग, शांति का मार्ग, संविधान का मार्ग, आरक्षण का मार्ग, किसानों का मार्ग, महिलाओं का सम्मान, युवाओं का विकास, सच्चा मीडिया, रोजगार, व्यापार, पेंशन… तरक्की, उज्ज्वल भविष्य, आजादी का रास्ता रोका है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा।

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