भारत की धरती से कैलाश पर्वत के दर्शन, ‘भोले’ के दीदार को भक्तों में भारी भीड़
भारत के धरती से दूसरे यात्री दल ने पवित्र कैलास पर्वत के दर्शन किए। सभी यात्री दर्शन कर सकुशल गुंजी वापस पहुंच गए हैं। दर्शन कर लौटे यात्रियों कहा कि अपने देश से कैलास पर्वत के दर्शन कर वे अभिभूत हैं व स्वयं को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं।
गुंजी से तड़के 5 बजे निकले दूसरे यात्री दल के चार सदस्य ओल्ड लिपूलेख से कैलास पर्वत के दर्शन के लिए रवाना हुए। यात्रियों ने करीब 8 बजे सुबह कैलास पर्वत का नजारा अपनी आंखों से देखा ।
इस दौरान कई यात्रियों ने वहां पर भगवान शिव से अपने परिवार के मंगल भविष्य की प्रार्थना की। जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चन्द्र आर्य ने बताया कि मौसम ने साथ दिया। सभी यात्रियों ने काफी देर कैलास पर्वत के दर्शन किए।
कहा कि सभी यात्री बेहतर दर्शन होने से काफी खुश हैं। इधर कई होटल कारोबारियों ने बताया कि कैलास पर्वत दर्शन यात्रा को लेकर लोग उनसे काफी पूछताछ कर रहे हैं। कहा कि सरकार के केएमवीएन से इसे बतौर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने से सीमित संख्या में यात्रियों को कैलास पर्वत दर्शन के लिए भेजा जा रहा है।
स्थानीय सामाजिक सरोकारों से जुड़ी लक्ष्मी गुंज्याल ने कहा कि आदि कैलास दर्शन यात्रा की तरह ही कैलास दर्शन के लिए यात्रा शुरू की जाए। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी यात्रा का अवसर मिल सकेगा।
कैलास दर्शन को तीसरा यात्री दल पिथौरागढ़ पहुंचा, स्वागत
भारत की धरती से पवित्र कैलास पर्वत के दर्शन के लिए तीसरा यात्री दल यहां टीआरसी पहुंचा। इस दौरान केएमवीएन के आवास गृह के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने यात्रियों को माला पहनाकर स्वागत किया।
सोमवार को दल के सदस्यों के यहां पहुंचने पर निगम के आवास गृह प्रबंधक गुरुरानी ने उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया इस दल में तीन सदस्य मंगलवार को कैलास पर्वत के दर्शन के लिए यहां से गुंजी हेली से रवाना होंगे।
कहा कि चार सदस्यीय दूसरे दल ने कैलास पर्वत और आदि कैलास के दर्शन कर लिए हैं। दर्शन के दौरान यात्रियों ने 13 हजार 500की फीट पर स्थित नाभीढांग में पौधरोपण किया।