एक स्लीपिंग बैग में काटे 3 दिन, बर्फ खाकर मिटाई भूख, विदेशी पर्वतारोही महिलाओं ने बताई आपबीती

उत्तराखंड में चौखम्बा पर्वतारोहण के दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब दोनों पर्वतारोही महिलाओं के पास खाने-पीने को कुछ नहीं बचा। इसके बाद उन दोनों ने दो दिन तक बर्फ खाकर अपनी भूख-प्यास मिटाई। 3 अक्टूबर को अमेरिका की 23 वर्षीय मिशेल थेरेसा डूरक और इग्लैंड की 27 वर्षीय फैव जेन मैनर्स जब लगभग 6015 मीटर की ऊंचाई पर थींं तो दोनों को लगा कि वे शायद चौखम्बा थ्री का आरोहण पूरा नहीं कर पाएंगी। दोनों ने दोपहर लगभग 12 बजे वापस लौटने का निर्णय लिया। वापस उतरते समय मिशेल थेरेसा के ऊपर पहाड़ी से बर्फ का एक बड़ा हिस्सा गिरने के कारण उनकी पीठ से लगा और उनका बैग नीचे खाई में जा गिरा। बैग में पर्वतारोहण के रस्से, पीटोन आदि सभी उपकरण रखे हुए थे। बैग के गिरने के बाद यह संभव नहीं था कि दोनों महिलाएं बिना किसी उपकरण के नीचे उतर पातीं।
दोनों महिलाएं हिम्मत दिखाते हुए कुछ मीटर तक नीचे आईं, लेकिन चारों ओर खड़ी हिम चट्टान और खाई होने के कारण दोनों ने वहीं पर रुकने का फैसला किया। इसके बाद पर्वतारोहियों ने अपने फंसे होने का सिग्नल इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) और जोशीमठ के स्थानीय टूर ऑपरेटरों तक पहुंचाया। उन दोनों ने उसी चट्टान में एक स्लीपिंग बैग में ही रहकर दो रातें और तीन दिन गुजारे। उन्होंने बताया कि 4 और 5 अक्टूबर को जब उनके पास खाने को कुछ नहीं बचा तो उन्होंने बर्फ खाकर अपनी भूख-प्यास मिटाई।
दोनों पर्वतारोही महिलाओं ने टूर ऑपरेटरों से बातचीत में बताया कि 4 अक्टूबर को कई बार हेलीकॉप्टर उनके ऊपर से गुजरा। बटरस में फंसी होने के कारण उन्होंने हाथ हिलाते हुए आवाज भी लगाई। दोनों विदेशी महिलाओं की किस्मत ने साथ दिया। इस दौरान मौसम भी साफ रहा और बर्फीला तूफान भी नहीं आया।
रेस्क्यू में सरकार ने निभाई अहम भूमिका
चौखम्बा से विदेशी पर्वतारोहियों के दल को निकालने में राज्य सरकार ने अहम भूमिका निभाई। तीन दिन के सघन ऑपरेशन के बाद पर्वतारोहियों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में पहले दिन से ही जो ठोस रणनीति बनाई गई थी, उसकी इस अभियान को कामयाब बनाने में अहम भूमिका रही। मुख्यमंत्री ने पर्वतारोहियों के रेस्क्यू के अभियान के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। चौखम्बा पर्वतारोहण को आए अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा डूरक और इंग्लैंड निवासी फेव जेन मैनर्स के फंसे होने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को तत्काल केंद्र से संपर्क करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय ने सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर भेजे।
एसडीएम जोशीमठ चन्द्रशेखर वशिष्ठ ने कहा, ”दोनों लापता विदेशी पर्वतारोही महिलाओं को रविवार सुबह चौखम्बा से हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया। यहां पर वे कुछ घंटे रुकीं और बाद में उन्हें दिल्ली के लिए हवाई मार्ग से रवाना कर दिया गया है।”