MBBS की फर्जी डिग्री से बना सरकारी डॉक्टर, पुलिस ने किया गिरफ्तार

एमबीबीएस की फर्जी डिग्री से स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी हासिल करने के मामले में 35 महीने से फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी केस दर्ज होने के वक्त उप जिला चिकित्सालय रुड़की में बतौर चिकित्सा अधिकारी तैनात था। 

आरोपी की कार्यशैली को देखते हुए शक होने पर उसके दस्तावेजों की जांच कराई गई थी। जांच में दस्तावेज फर्जी मिलने पर स्वास्थ्य महानिदेशालय से रायपुर थाने में केस दर्ज कराया गया था। रविवार को आरोपी को जेल भेजा गया।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अक्तूबर 2021 में डिप्टी रजिस्ट्रार उत्तराखंड मेडिकल कॉउंसिल डॉ. डीडी चौधरी की ओर से केस दर्ज किया गया था। आरोप था कि अनिल कुमार पुत्र प्रेमलाल नौटियाल निवासी लोअर नकरौंदा, निकट जीरो प्वाइंट उस वक्त चिकित्सा अधिकारी के पद पर उपजिला अस्पताल रुड़की में तैनात था। 

उसने खुद को एससीबी मेडिकल कॉलेज कटक, उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर से एमबीबीएस पास बताते हुए उत्तराखंड मेडिकल कॉउंसिल में अपना पंजीकरण कराया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में बतौर डाक्टर नौकरी शुरू की। 

वहां कामकाज पर शक होने पर यूनिवर्सिटी से डॉक्टर के दस्तावेज दिखाकर रिपोर्ट मांगी गई। वहां से रिपोर्ट भेजी गई कि उक्त दस्तावेज यूनिवर्सिटी से जारी नहीं किए गए। इस पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को पुलिस को तहरीर दी गई। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की। 

उसके घर की कुर्की की गई और पांच हजार का इनाम घोषित किया गया। रायपुर थानाध्यक्ष प्रदीप नेगी और उनकी टीम ने शनिवार को आरोपी अनिल कुमार उम्र 40 वर्ष को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार कर लिया। रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

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