अयोध्‍या में UPPCL की व‍िजि‍लेंस यून‍िट ने की ब‍िजली चोरी की जांच, 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जिले में छोटे ही नहीं, बड़े उपभोक्ता भी बिजली चोरी में संलिप्त हैं, इसका पर्दाफाश पावर कारपोरेशन की विजिलेंस यूनिट की जांच में हुआ है। विजिलेंस के अधिकारियों ने जांच में बिजली चोरी मिलने पर अगस्त में पांच किलोवाट से ऊपर के 11 उपभोक्ताओं के विरुद्ध एंटी पावर थेफ्ट थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है। बीते महीने बिजली चोरी के कुल 33 मुकदमे पंजीकृत कराए गए हैं।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से इन दिनों बिजली चोरी के विरुद्ध गोपनीय अभियान संचालित किया जा रहा है। निगम की विजिलेंस शाखा के अधिकारी बिजली चोरी से संबंधित शिकायतें मिलने पर नियमित जांच कर रहे हैं। इसी क्रम में बीते महीने अगस्त में शिकायतों के आधार पर कुल 69 स्थानों पर छापेमारी की गई तो 22 शिकायतों में अनियमितता पाई गई। यानी कम लोड का कनेक्शन होने के बावजूद अधिक लोड की बिजली उपभोग की जा रही थी। 14 शिकायतें गलत पाई गईं, इनमें उपभोक्ता निर्धारित कनेक्शन के सापेक्ष बिजली का उपभोग करते मिले।

इनके अलावा 11 ऐसे मामले पाए गए, जो पांच किलोवाट से अधिक के उपभोक्ताओं से संबंधित रहे। इस तरह विजिलेंस शाखा ने कुल 33 मुकदमे लिखवाए हैं। दूसरी ओर, जुलाई में बिजली चोरी से संबंधित कुल 46 मुकदमे पंजीकृत कराए गए थे। 20 मामले अनियमितता से संबंधित रहे तो चार मामले पांच किलोवाट से अधिक के उपभोक्ताओं पर दर्ज हुए हैं। यूनिट की टीम ने कुल 78 स्थानों पर चेकिंग की थी।

विजिलेंस शाखा के निरीक्षक महेंद्र यादव बताते हैं, सितंबर में शासन से निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली के लिए चेकिंग अभियान अभी जारी है। इस महीने शासन ने लक्ष्य बढ़ाया है।

उपभोक्ता निर्धारित कनेक्शन के सापेक्ष बिजली का उपभोग करें। यदि जांच के दौरान अधिक लोड का उपभोग पाया जाएगा तो कनेक्शन अधिक लोड में परिवर्धित करने के साथ जुर्माना भी जमा करना पड़ेगा। शासन से तय लक्ष्य के सापेक्ष अभियान चलाकर राजस्व वसूली का प्रयास किया जा रहा है। -देवेंद्र सिंह, अवर अभियंता, विजिलेंस शाखा

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