खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक आरोपी की कनाडा में पिटाई, पढ़ें पूरी खबर…

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में कनाडा में गिरफ्तार किए गए 3 लोगों में से एक पिटाई किए जाने की खबर है। आरोपी पर यह हमला सरे के डिटेंशन सेंटर में हुआ है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी जिम में था, जिस दौरान उस पर हमला किया गया। निज्जर हत्याकांड का आरोप कनाडा ने 4 लोगों पर लगाया था, जिनमें से तीन लोगों को एक साथ अरेस्ट किया गया था। ये लोग फिलहाल डिटेंशन सेंटर में रखे गिए हैं। करण बरार, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह नाम के तीन युवाओं को 3 मई को अरेस्ट किया गया था।

बीते साल 18 जून को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हो गई थी। अज्ञात हमलावर उसे गोली मारकर फरार हो गए थे। निज्जर पर गोलियां चलाने वाले कौन लोग थे, अब तक कनाडा पुलिस की जांच में यह पता नहीं चला है। लेकिन उसने इस हत्याकांड से कनेक्शन के आरोप 4 लोगों पर लगाए हैं, जिन्हें इसी साल अरेस्ट किया गया था। तीन लोगों को 3 मई को गिरफ्तार किया गया था, जबकि चौथे आरोपी अमनदीप सिंह को 11 मई को अरेस्ट किया गया था। अब खबर है कि इनमें से ही एक पर हमला हुआ है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि तीन में से किसे निशाना बनाया गया है।

वह पहले से ही ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के आरोपों में जेल में बंद है। हत्याकांड के मामले में चारों लोगों को 7 अगस्त को भी सरे की अदालत में पेश किया गया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होनी है। अमनदीप सिंह को पहली बार 15 मई को इस केस में अदालत लाया गया था, जबकि बाकी तीन लोगों को 7 मई को ही पेश किया गया था। वहीं 21 मई को पहली बार चारों आरोपियों को एक साथ कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान अदालत के बाहर बड़ी संख्या में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने अदालत के बाहर प्रदर्शन किया था और नारेबाजी की थी। इन चारों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप है।

निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के रिश्ते भी बिगड़ गए थे। हालांकि अब तक कनाडा सरकार इस मामले में भारत सरकार का कोई कनेक्शन साबित नहीं कर सकी है। कनाडा के एक पुलिस अधिकारी ने 3 मई को कहा था कि इस ऐंगल से हम लोग अलग से जांच कर रहे हैं। गौरतलब है कि रिश्तों में तनाव इतना बढ़ गया था कि भारत ने कनाडा के अतिरिक्त राजनयिक स्टाफ को देश से बाहर जाने का आदेश दिया था। वहीं कनाडा की ओर से भी ऐसा ही आदेश आया था।

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