उत्तराखंड के लक्ष्य सेन को विरासत में मिला बैडमिंटन, पिता ही हैं उनके पहले कोच

अपना पहला ओलिंपिक खेल रहे अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य सेन की बैडमिंटन विरासत में मिला है। लक्ष्य के पिता डीके सेन ही उनके पहले कोच हैं। जबकि उनके दादा सीएल सेन और भाई चिराग सेन भी राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं।

लक्ष्य ने पेरिस ओलिंपिक में विश्व के नंबर चार खिलाड़ी इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।

पूरे देश को पदक की उम्मीद

पेरिस ओलिंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन से उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश को पदक की उम्मीद है। छह साल की उम्र में ही लक्ष्य ने बैडमिंटन का रैकेट पकड़ लिया था।

वह अपने पिता डीके सेन के साथ अल्मोड़ा स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने जाया करते थे। तब उनके पिता अल्मोड़ा में बैडमिंटन कोच थे। यहीं से उनकी बैडमिंटन की पाठशाला शुरू हुई। लक्ष्य राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके हैं। इसके लिए उन्हें वर्ष 2022 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

वंडर ब्‍वॉय के शॉट से सब हैरान

भारतीय बैडमिंटन के वंडर ब्‍वॉय लक्ष्य सेन के एक शॉट ने हर किसी को अपना मुरीद बना लिया। दरअसल, बुधवार को दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी के खिलाफ चल रहे मैच में लक्ष्य ने बैंक हैंड से लगाए एक शॉट ने सबका ध्यान खींच लिया।

इस शॉट का वीडियो इंटरनेट पर काफी प्रसारित हो रहा है, जिसे लोग पसंद कर रहे हैं। कोई इस शॉट को नो लुक शॉट का नाम दे रहा है तो कोई इसे ओलिंपिक का सबसे यादगार शॉट बता रहा है।

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