स्कूल में बच्चों के खाने में मिली छिपकली को लेकर शिक्षा मंत्रालय सख्त, राज्य सरकार को दिए निर्देश

सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में खाने को लेकर गड़बड़ियों की अक्सर खबरें सामने आती है। हाल ही में तेलंगाना के मेडक जिले में एक सरकारी स्कूल से जुड़े गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं को परोसे गए नाश्ते में छिपकली मिलने की बात सामने आई है। पेट दर्द की शिकायत के बाद 35 छात्राओं को अस्पताल भी ले जाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक उपमा में छिपकली दिखने के बाद हड़कंप मच गया। इसके बाद बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर लोगों ने चिंता व्यक्त की है। अब केंद्र सरकार ने इस खबर को गंभीरता से लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी है कि केंद्र ने मामले को संज्ञान में लिया है और इसे लेकर गंभीर है। हालांकि मंत्रालय ने अपना पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट किया है कि तेलंगाना सरकार अपनी योजना के तहत नाश्ता उपलब्ध कराती है और यह केंद्र की ‘पीएम पोषण’ योजना का हिस्सा नहीं है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने लिखा, “तेलंगाना मॉडल स्कूल में उपमा में छिपकली मिलने की हालिया मीडिया रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने स्थिति को गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार ने बताया कि यह घटना तेलंगाना सरकार के मॉडल स्कूल के छात्रावास में हुई है। राज्य सरकार अपनी स्वयं की योजना के तहत मॉडल स्कूलों को नाश्ता उपलब्ध कराती है और यह पीएम पोषण योजना के अंतर्गत नहीं आती है। राज्य सरकार ने यह भी बताया है कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है।”

आगे मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पीएम पोषण योजना स्कूलों में गर्म पका हुआ मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराती है। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने और छात्रों के लिए साफ खाना उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है।

क्या है पूरा मामला जिससे छात्राओं की हालत बिगड़ी

जिला कलेक्टर सहित उच्च अधिकारियों को सौंपी गई रिपोर्ट में डीईओ ने बताया कि एक छात्र ने उपमा में छिपकली देखी। इसके बाद केयरटेकर ने खाना बांटना रोक दिया और 17 छात्रों को रामायमपेट मंडल के स्वास्थ्य केंद्र में ले गया। पेट दर्द से पीड़ित दो छात्रों को मेडक के जिला मुख्यालय अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जबकि बाकी 15 को स्वास्थ्य केंद्र से छुट्टी दे दी गई। बाद में 70 और छात्रों को जांच के लिए ले जाया गया जहां 6 घंटे तक उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया। मेडक जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के अनुसार, कथित लापरवाही के लिए एक रसोइया और एक सहायक रसोइया को सस्पेंड कर दिया गया है और केयरटेकर और मॉडल स्कूल गर्ल्स हॉस्टल के अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

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