अवैध संबंध को छुपाने के लिए शख्स ने की तलाकशुदा प्रेमिका और उसकी दो मासूम बेटियों की हत्या
अवैध संबंध को छुपाने के लिए एक आदमी ने अपनी तलाकशुदा प्रेमिका और उसकी दो मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार दिया। प्रेमिका की 15 और आठ माह की बेटियों का गला दबाकर उनका मर्डर कर दिया। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर जेल भज दिया है। हत्यारोपी यूपी के बिजनौर का रहने वाला है।
तिहरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। हत्याकांड की वजह अवैध संबंध सामने आई। हत्यारोपी विवाहित और दो बच्चों का बाप है। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार करते हुए हत्या से जुड़े साक्ष्य बरामद कर लिए हैं। तीनों मृतक और हत्यारोपी एक ही गांव के हैं।
तीनों शवों को सुपुर्द करने के लिए महिला के भाई और बहन को पुलिस ने देहरादून बुलाया है। वह पुणे और चंडीगढ़ में रहते हैं। देहरादून के बड़ोवाला में डीएसपी चौक के पास सूखे नाले में कबाड़ के बीच बीते मंगलवार शाम एक मासूम समेत दो लड़कियों के शव बरामद हुए थे।
पुलिस ने मौके पर छानबीन की तो अगले दिन सुबह यहां से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक और महिला का शव कबाड़ में मिला। महिला के शव के पास दो बैग मिले। इसमें कपड़े, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं थीं।
पुलिस ने शवों की कड़ियां जोड़ीं तो प्रतीत हुआ कि मृतक महिला और अन्य दो उसकी बेटियां हैं। जिस स्थान पर शव फेंके गए, वहां इस क्षेत्र से अनजान व्यक्ति आसानी से नहीं पहुंच सकता है। पुलिस का शक आसपास घूमा। पुलिस ने पास की फर्नीचर फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों पूछताछ की।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जांच के दौरान फैक्ट्री में एक नहटौर का कर्मचारी भी मिला। उसकी पहचान हसीन उम्र 36 वर्ष पुत्र नसीम निवासी फरीदपुर थाना नहटौर जिला बिजनौर, यूपी हाल निवासी ब्रह्मपुरी, पटेलनगर के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक आरोपी से पूछताछ में हत्याकांड का खुलासा हुआ।
पता लगा कि हसीन का अपने गांव की तलाकशुदा महिला रेशमा से पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रेशमा की पहले से एक बेटी आयत उम्र 15 वर्ष थी। हसीन के संपर्क में आने के बाद रेशमा ने आठ महीने पहले एक और बेटी को जन्म दिया। इसके बाद रेशमा आरोपी के साथ रहने के लिए देहरादून आई।
यहां आरोपी ने प्रेमिका को रास्ते से हटाने के लिए 23 जून की रात पहले प्रेमिका की हत्या की, इसके बाद उसकी दोनों बेटियां को मार डाला। तीनों शवों को फैक्ट्री के पीछे कबाड़ में छिपा दिया था। इंस्पेक्टर पटेलनगर कमल कुमार लुंठी की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया।
पहले प्रेमिका का गला दबाया फिर बेटियों की सांसें रोक दीं
हत्यारोपी हसीन ने योजनाबद्ध ढंग से हत्याकांड को अंजाम दिया। उसने प्रेमिका की हत्या के लिए पहले उसकी दोनों बेटियों को दूध पिलाकर सुला दिया। फिर प्रेमिका की हत्या कर दोनों बेटियों को मुंह दबाकर मार डाला।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि हसीन पहले से विवाहित है और उसके दो बच्चे हैं। हसीन की पत्नी गांव में रहती है। हसीन दून में बड़ोवाला में टींबर फैक्ट्री में काम करता है। करीब दो साल पहले अपने पति से तलाक ले चुकी रेशमा से हसीन का संपर्क हुआ।
संपर्क में आने के बाद रेशमा ने आठ महीने पहले एक बेटी को जन्म दिया। इस बेटी को जन्म देने के बाद रेशमा अपना गांव छोड़कर हसीन के साथ देहरादून में रहना चाहती थी। हसीन यह नहीं चाहता था। रेशमा दून आने की बात कहती तो वह इनकार कर देता।
इस बीच 23 जून को रेशमा हसीन को बिना बताए नहटौर से बस में देहरादून पहुंच गई। दून में आईएसबीटी से आरोपी को फोन किया। अब आरोपी प्रेमिका को रास्ते से हटाने की योजना बनाते हुए उसे अपनी बाइक से आईएसबीटी लेने पहुंचा।
वहां से प्रेमिका और उनके दोनों बच्चों को बाइक पर बैठाकर रात करीब 1045 बजे बड़ोवाला स्थित अपनी फैक्ट्री पहुंचा। फैक्ट्री के बाहरी हिस्से के शेड में प्रेमिका और उसकी दोनों बच्चियों को ठहराया। रात करीब एक से दो बजे के बीच पहले रेशमा की गला दबाकर हत्या की। इसके बाद रेशमा की दोनों बेटियों का मुंह दबाकर सांस रोककर मार डाला।
रोडवेज बस का टिकट मिलने पर घिरा आरोपी हसीन
सीओ अनिल जोशी ने बताया कि मौके पर जांच के दौरान घटनास्थल के पास फैक्ट्री परिसर से एक रोडवेज बस का टिकट मिला। टिकट 23 जून की शाम को नहटौर से दून का एक व्यस्क और एक बच्चे का था। इसके साथ ही एक कोरियर बैग मिला।
ऐसे बैग उक्त फैक्ट्री में भी थे। इसके बाद पुलिस ने फैक्ट्री में काम करने वाले 11 कर्मियों की कुंडली खंगाली। इनमें एक नहटौर क्षेत्र का निवासी था। उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो पूरा मामला खुलकर सामने आया।
डीजीपी ने पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की
हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को डीजीपी ने प्रशस्ति पत्र दिए जाने की घोषणा की है। इसके साथ ही आईजी गढ़वाल रेंज ने 25 हजार रुपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की। खुलासा करने में पटेलनगर कोतवाली के साथ एसओजी टीम भी शामिल रही।