दिल्ली के कबीर नगर इलाके में गिरि इमारत, दो मजदूरों की मौत

पूर्वी दिल्ली के कबीर नगर में बुधवार देर रात एक पुराना मकान ढह गया। इसमें कपड़ा कटिंग की फैक्ट्री चलती थी। हादसे में फैक्ट्री के तीन कर्मचारी मलबे के नीचे दब गए। स्थानीय लोगों व पुलिस ने उन लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टरो ने अरशद व तौहीद को मृत घोषित कर दिया। जबकि रेहान का इलाज चल रहा है।

वेलकम थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस मकान मालिक शाहिद की तलाश कर रही है। जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जाय टिर्की ने बताया कि रात सवा दो बजे सूचना मिली थी कि कबीर नगर गली नंबर दो में एक पुराना मकान गिर गया है।

मलबे के नीचे कुछ लगे दबे हुए हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही राहत बचाव कार्य शुरू किया। तीनों घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया। जिस मकान में कपड़ा काटने की फैक्ट्री चल रही थी वह पुराना हो गया था। हादसे के वक्त तीनों कर्मचारी काम कर रहे थे।

जर्जर इमारतों को चिन्हित करने में निगम कर रहा लापरवाही

यमुनापार में जर्जर इनारतें बहुत हैं। उन पर नगर निगम का ध्यान नहीं है। इसी वजह से बिल्डिंग गिरने जैसे हादसे हो रहे हैं। यह नगर निगमनकी जिम्मेदारी है कि जर्जर इमारतों को चिन्हित किया जाए। उनके मालिकों को नोटिस देकर मरम्मत के लिए कहा जाए। जिसकी मरम्मत सम्भव न हो, उसमें रहने से लोगों को रोका जाए। लेकिन निगम यह जिम्मेदारी नहीं निभा रहा।

वेलकम थाना क्षेत्र के कबीर नगर गली नंबर-चार में पुरानी बिल्डिंग गिरने से दो लोगों की मौत इस बात की गवाही दे रही है कि निगम ने जर्जर इमारत को खाली नहीं कराया। अगर कराया होता तो हादसे में दो लोगों की जान नहीं जाती। अब भी कई ऐसी जर्जर इमारते हैं, जिनमें लोग रह रहे हैं।

उनकी मरम्मत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया तो और हादसे हो सकते हैं। निगम अधिकारियों कहना है कि वह जर्जर भवनों को चिन्हित कर उनको मरम्मत के लिए नोटिस देते हैं। लेकिन उसके बाद कितनी इमारतों की मरम्मत हुई, यह निगम को नहीं पता है।

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