पाकिस्तान: चुनाव में धांधली के सवाल पर सख्ती, मजाक उड़ाने वालों की पहचान कर होगी कार्रवाई
पाकिस्तान में हाल ही में आम चुनाव हुआ था। हालांकि, चुनाव के नतीजे घोषित करने में की गई देरी के बाद कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। कई पार्टियों ने नतीजे को धांधली करार दिया। वहीं सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग के अधिकारियों का जमकर मजाक बनाया गया। हालांकि, अब देश की कार्यवाहक सरकार इस मामले में सख्त होती नजर आई। उसने एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया है, जिसमें आईएसआई भी शामिल है। जेआईटी को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देनी है।
यह है मामला
दरअसल, आठ फरवरी को चुनाव हुए थे, उसी दिन नतीजा सामने आना था। हालांकि, कुछ कारणों के चलते नतीजे सामने नहीं आ सके। इसके बाद शीर्ष चुनाव निकाय के अधिकारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ चुनावों में कथित धांधली में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। पार्टी नेताओं का कहना था कि उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वियों ने उनकी पार्टी के जनादेश को चुराने में मदद की।
आरोपियों पर चलेगा केस
अब कार्यवाहक सरकार द्वारा गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) उन संबंधित लोगों का पता लगाएगा, जिन्होंने इन अधिकारियों को ट्रोल किया था। बताया जा रहा है कि संबंधित कानूनों के तहत दोषियों की पहचान कर उनपर मुकदमा चलाया जाएगा।
मतदान के दो सप्ताह बाद, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए समझौता किया। इस पर पीटीआई ने आरोप लगाया कि पीएमएल-एन और पीपीपी दोनों ने संसद में कम सीटें हासिल कीं। साथ ही उसने सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया और दावा किया कि शक्तिशाली प्रतिष्ठान यानी चुनाव आयोग धांधली के अपराधियों के साथ मिला हुआ है।
ये लोग समित में शामिल
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जेआईटी का गठन इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम कानून (पेका) 2016 की धारा 30 के तहत किया गया है और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अतिरिक्त महानिदेशक इसके संयोजक होंगे। अन्य सदस्य इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) और पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) से होंगे। सोशल मीडिया अभियान की जांच के लिए जरूरत पड़ने पर वह आईटी विशेषज्ञों की मदद भी ले सकते हैं।