शरद पवार ने पीएम मोदी पर संसद से गैरहाजिर रहने का आरोप लगते हुए कसा तंज़
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद से गैरहाजिर रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्यसभा में जब आम लोगों के मुद्दों पर चर्चा होती है और नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं तो वह सिर्फ 20 मिनट के लिए आते हैं। इसके अलावा उन्होंने संसद के दरवाजे पर झुकने के पीएम मोदी के कदम को भी नाटक बताया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, “सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री संसद के दरवाजे पर झुकते हैं। यह नाटक है।”
कोल्हापुर में दिवंगत नेता गोविंद पानसरे के स्मारक का अनावरण करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि ऐसी शक्तियों के खिलाफ एकजुट रुख होना चाहिए। उन्होंने पीएम का नाम लिए बिना कहा कि भारत में सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।
शरद पवार ने कहा, “आज सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। स्वतंत्र आवाज को दबाया जा रहा है। स्वतंत्र लेखन पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। समाचार चैनलों को अवरुद्ध किया जा रहा है। इसका मतलब है कि सत्ता में बैठे लोगों को मौलिक अधिकारों पर हमलों की कोई परवाह नहीं है।”
एनसीपी-शरदचंद्र पवार पार्टी के प्रमुख शरद पवार इस दौरान केंद्र सरकार पर आक्रामक दिखे। पवार ने कहा, “झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ फर्जी मामले थोपे गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली सरकार के मंत्रियों को जेल में डालकर अरविंद केजरीवाल को परेशान किया जा रहा है।”
केंद्रीय एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग: पवार
शरद पवार ने सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। पवार ने कहा, ”लड़ाई सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों का समर्थन करने की शपथ ली जानी चाहिए, जिन पर अत्याचार किया गया है। इसके लिए सभी समान विचारधारा वाली प्रगतिशील शक्तियों को एक साथ आने की जरूरत है।”
पवार ने नरेंद्र दाभोलकर और कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्याओं को भी याद किया। उन्होंने कहा, “हमलावर सोचते हैं कि वे प्रगतिशील शक्तियों को नष्ट कर देंगे। लेकिन वैचारिक लड़ाई को विचारधारा से लड़ने की जरूरत है। बिना किसी विचारधारा के प्रवृत्ति वाले लोग कानून को अपने हाथ में लेते हैं और इस तरह के कृत्य करते हैं।”
आपको बता दें कि शरद पवार आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिए तैयार विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में शामिल हैं। उनके भतीजे अजीत पवार के विद्रोह के महीनों बाद चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी। जूनियर पवार को एनसीपी पार्टी के नाम और प्रतीक चिन्ह घड़ी का उपयोग करने का अधिकार दिया।