ज्ञानवापी परिसर में पूजा का अधिकार मिलने पर आग बबूला हुए ओवैसी, पढ़ें पूरी खबर

वाराणसी जिला अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई है।

बुधवार (31 जनवरी) देर रात बैरिकेडिंग से रास्ता बनाते हुए व्यास जी का तहखाना खोल दिया गया। कोर्ट के इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है। समाजवादी पार्टी सहित कई दलों ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना को लेकर प्रतिक्रिया दी है।

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

किसी भी अदालती आदेश का पालन करते समय उचित प्रक्रिया को बनाए रखना होगा। वाराणसी कोर्ट ने इसके लिए 7 दिन की अवधि तय की। अब हम जो देख रहे हैं वह नियत प्रक्रिया से परे जाने वाले किसी भी कानूनी सहारा को रोकने का एक ठोस प्रयास है।

यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन: ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह पूजा स्थल अधिनियम (Places of Worship Act) का उल्लंघन है। ओवैसी ने आगे कहा, “जिस जज ने फैसला सुनाया, रिटायरमेंट से पहले उनका आखिरी दिन था।

जज ने 17 जनवरी को जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया और आखिरकार उन्होंने सीधे फैसला सुना दिया है। उन्होंने खुद कहा कि 1993 के बाद से कोई नमाज नहीं पढ़ी गई। 30 साल हो गए। उन्हें कैसे पता चला कि अंदर मूर्ति है? यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है।”

कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ज्ञानवापी मामले पर कहा, “सब प्रभु की इच्छा है।”

सात दिनों के अंदर पूजा शुरू हो जाएगी:विष्णु शंकर जैन

बता दें कि बुधवार को वाराणसी अदालत ने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर ‘व्यास के तहखाने’ क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है।

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सात दिनों के अंदर पूजा शुरू हो जायेगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।

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