छत्तीसगढ़: सरकारी अस्पताल में सालों से नवजात बच्चों को बेच रही थी नर्स, इस तरह खुला राज
छत्तीसगढ़ के एक सरकारी अस्पताल से नवजात बच्चों को बेचने का मामला सामने आया है। अस्पताल में सालों से काम कर रही एक नर्स इस काम को अंजाम दे रही थी। वो आदिवासी परिवारों के नवजात बच्चों को उन लोगों को बेच देती थी जिनके बच्चे नहीं थे और बदले में उनसे 3-4 रुपए लेती थी।
मामला सुकमा जिले का है। नर्स की पहचान पद्मा नेतम के रूप में हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वो खासकर उन परिवारों को अपना शिकार बनाती थी जो गरीब है और जिन्हें पैसों की जरूरत है। ऐसी महिलाओं से संपर्क साधने के बाद वो मांओं से डील करती थी कि अगर उन्होंने उसे अपना बच्चा दे दिया तो बदले में 30 हजार रुपए देगी। इस तरह अब तक उसने कई बच्चों को बेचकर लाखों रुपए कमाए थे।
पद्मा पिछले 11 साल से अस्पताल में काम कर रही थी। वहीं मामला सामने आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अब तक किन-किन लोगों को उसने बच्चे बेचे हैं।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
स्टेट कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट में नर्स के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद उस पर नजर रखी जाने लगी। इसी दौरान एक और बच्चे को बेचने के दौरान उसे पकड़ लिया गया। चाइल्ड राइट कमिशन के जितेंद्र बघेल के मुताबिक पद्मा रायपुर से 430 किलोमीटर दूर कुडकेल गांव में एक महिला की डिलीवरी करा रही थी। इसी दौरान उसने महिला से डील की कि अगर वो अपना बच्चा उसे दे देती है तो वो उसे 30 हजार रुपए देगी। बाद में पद्मा ने बच्चे को दंतेवाड़ा के किरांदुल में एक पति-पत्नी को 3 लाख रुपए में बेच दिया।
आयोग को तुरंत इस मामले की भनक लग गई और शुरुआती जांच के बाद पुलिस को जदानकारी दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और बच्चे को भी बचा लिया गया है। पुलिस ने बताया कि नर्स गर्भवति महिलाओं से बातचीत के दौरान उनके बारे में जानने की कोशिश करती थी औऱ फिर ऐसी महिलाओं को अपना शिकार बनाती थी जिन्हें पैसों की जरूरत हैं।