पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल आरोपी निखिल को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने सबूत देने से किया इनकार

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अमेरिका की एक अदालत ने बचाव सामग्री यानी सबूत देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने चेक गणराज्य की जेल में बंद भारतीय नागरिक निखिल को बचाव सामग्री प्रदान करने को लेकर आपत्ति जताई थी। सरकार का कहना है कि वह न्यूयॉर्क की अदालत में पेशी और मामले में अभियोग के बाद ही जानकारी प्रदान करेगी।

जून से जेल में बंद

निखिल गुप्ता पर संघीय अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में एक अभियोग में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका की जमीन पर मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है। खालिस्तानी पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। निखिल को 30 जून, 2023 को चेक गणराज्य के प्राग में गिरफ्तार किया गया था और इस समय उन्हें वहीं रखा गया है। अमेरिकी सरकार उनके अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

चार जनवरी को मांगा सबूत

आरोपी निखिल के वकील ने चार जनवरी को न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक प्रस्ताव दायर किया था, जिसमें अदालत से संघीय अभियोजकों को ‘तत्काल आरोपों के बचाव के लिए प्रासंगिक बचाव सामग्री’ प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मरेरो ने गुरुवार को बचाव सामग्री देने के अनुरोध को खारिज कर दिया।

आठ जनवरी को तीन दिन का दिया था समय

इससे पहले, अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मारेरो ने आठ जनवरी को गुप्ता के वकील द्वारा दायर प्रस्ताव का जवाब देने के लिए सरकार को तीन दिन का समय दिया था। सरकार ने बुधवार को जिला अदालत में दायर अपने जवाब में कहा था कि सामग्री मांगने वाले गुप्ता के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए। सरकार की ओर से जवाब देते हुए अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने कहा कि गुप्ता को इस समय ऐसा कोई कानूनी अधिकार या औचित्य नहीं है।

अदालत ने यह कहा 

मरेरो ने कहा कि अदालत सरकार के इस तर्क से सहमत है कि गुप्ता के पास इस समय सबूत मांगने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि गुप्ता को अभी तक इस मामले में आरोपित नहीं किया गया है। सरकार फिलहाल चेक गणराज्य से अमेरिका में गुप्ता के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

गुप्ता के वकील का तर्क

न्यूयॉर्क में गुप्ता के वकील जेफ चाब्रोवे ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि अमेरिकी अभियोग के अलावा उन्हें किसी भी प्रकार का कोई सबूत या दस्तावेज नहीं दिया गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि अभियोग के बाद भी प्रतिवादी से अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पूछताछ जारी है, जहां उसके बेखबर वकील के पास उसे सुरक्षित करने की कोई क्षमता या अधिकार नहीं है। इसलिए अदालत से सरकार को यहां बचाव उपाय तलाशने के अनुरोध का अनुपालन करने का आदेश देने का अनुरोध किया जाता है। 

सरकार का जवाब

अपने जवाब में अमेरिकी सरकार ने रक्षा सामग्री मुहैया कराने पर आपत्ति जताई और कहा कि वह न्यूयॉर्क की अदालत में गुप्ता की पेशी और मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के बाद ही जानकारी मुहैया कराएगी।

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