भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आज होगी दूसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता, पढ़ें पूरी खबर…

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 20 नवंबर यानी आज दूसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी, जिसके तहत ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग सोमवार सुबह दिल्ली पहुंच गई है। नई दिल्ली में वायु सेना स्टेशन, पालम में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों के साथ नई दिल्‍ली में मंत्रिस्‍तरीय वार्ता की सह अध्‍यक्षता करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने किया पेनी वोंग का स्वागत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘दूसरी भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता और 14वीं विदेश मंत्री फ्रेमवर्क वार्ता की सह-अध्यक्षता करने के लिए नई दिल्ली पहुंचने पर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग का हार्दिक स्वागत है। उन्होंने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाली चर्चा का एक समृद्ध एजेंडा इंतजार कर रहा है।’

ऑस्ट्रेलिया के उपप्रधानमंत्री पहले ही पहुंचे भारत

इस बीच 2+2 डायलॉग के लिए ऑस्ट्रेलिया के उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस पहले ही भारत आ चुके हैं। इससे पहले, मार्लेस ने कहा था कि ‘भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक शीर्ष स्तरीय सुरक्षा भागीदार है और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी व्यावहारिक, ठोस कार्यों में से एक है जो सीधे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लाभ पहुंचाती है।’उन्होंने आगे कहा कि यह सब दोनों देशों की रक्षा और सुरक्षा साझेदारी की बढ़ती निकटता को दर्शाता है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में आई इस साल मजबूती 

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों में कई चीजें पहली बार देखी गईं, जिनमें पर्थ की भारतीय पनडुब्बी की यात्रा और ऑस्ट्रेलिया द्वारा मालाबार अभ्यास की मेजबानी शामिल है। मार्लेस ने कहा कि भारत के साथ हमारा सहयोग हिंद-प्रशांत को खुला, समावेशी और लचीला बनाए रखने को सुनिश्चित करने के ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण के केंद्र में है।

इस बीच, विदेश मंत्री वोंग ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी हमारे साझा क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए केंद्रीय है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘हमारे गहन रक्षा और सुरक्षा सहयोग के साथ, ऑस्ट्रेलिया हमारे क्षेत्र, हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लाभ के लिए भारत के साथ अधिक निकटता से साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

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