अवैध मदरसे से 22 नाबालिग छात्र- छात्राओं को दंपित के चुंगल से छुड़ाया, पुलिस ने किया गिरफ्तार

UP के रहने वाले वाले पति-पत्नी अवैध मदरसे का संचालन कर रहे थे। पुलिस की छापे की कार्रवाई में ऐसे घिनौने राज खुले कि पुलिस के भी होश उड़ गए। पुलिस ने अवैध मदरसे पर कार्रवाई करते हुए 22 नाबालिग छात्राओं, और दो छात्रों को दंपित के चुंगल से छुड़ाया। पुलिस के छापेमारी में अवैध मदरसे का संचालक पति मौके से फरार हो गया, जबकि उसकी पत्नी गिरफ्तार हो गई है।

पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर गहन छानबीन शुरू कर दी है। यूपी के जिला पीलीभीत, थाना जहानाबाद निवासी हरेरपुर हसन के रहने वाले इरशाद पुत्र अबरार शाह और उसकी पत्नी खातून बेगम जामिया नगमा खातमा मदरसे को संचालित करते थे। वह लगभग चार साल पहले वार्ड 18 सिरौलीकलां में आए थे। दंपति ने यहां तीन मंजिला इमारत का निर्माण कर बगैर वैध प्रपत्रों के मदरसे का संचालन शुरू कर दिया।

दपति ने बहुत ही ज्यादा चालाकी से नाबालिग छात्राओं के परिजनों को बड़ी डिग्रियां और सरकारी नौकरी का झांसा देकर बच्चों को यहां लाते थे। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मदरसे के गेट पर ताला लगा था, जबकि दूसरा दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस के दरवाजे को खुलवाने पर मदरसे में 22 बच्चियां व 2 बच्चे मिले। इनकी आयु पांच वर्ष से 17 वर्ष के बीच थी।

मदरसे में पढ़ने वाले छात्र यूपी के सिरौलीकलां, पुलभट्टा, बहेड़ी, बरेली, पीलीभीत के रहने वाले थे। पुलिस पूछताछ में छात्रों के परिजनों ने बताया कि इरशाद व उसकी पत्नी खातून बेगम उनके बच्चों को आबिद, कामिल आदि की बड़ी-बड़ी डिग्रियां देने व सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाए थे।

संचालकों ने बच्चों को अच्छा खाना, बेहतर सुविधा देने का भरोसा दिया था। इसके लिए वह पांच सौ रुपये प्रति माह लेते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि संचालकों ने बच्चों को कमरे के अंदर रखने के साथ ही उनका शारीरिक व मानसिक शोषण किया है। अंधेरे कमरे में सहमी हुई बच्चियों ने बताया कि वह अपना खाना खुद बनाती हैं।

बर्तन खुद धोती हैं। प्राथमिक चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। आरोप लगाया कि मदरसे में उनका शोषण किया जाता था। शिकायत करने पर उनको धमकाया भी जाता था। तहसीलदार गिरीश चंद त्रिपाठी ने मदरसे के भवन को सील कर दिया है। कहा कि मामले की पूरी जांच गहनता से की जा रही है। फरार संचालक को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।  

चार दिन में अवैध रूप से चलता मिला दूसरा मदरसा 

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में सिरौलीकलां में बीते चार दिनों में अवैध रूप से संचालित दूसरा मदरसा मिला है। 12 अक्तूबर को पुलभट्टा पुलिस ने वार्ड 19 सिरौलीकलां में बिलाल मस्जिद के ऊपर फैजाने रजा मदरसा में छापेमारी की थी। जांच के दौरान मदरसा प्रबंधक शकील पुत्र नूर अहमद निवासी वार्ड 19 सिरौलीकलां किच्छा पर बगैर वैध प्रपत्रों के मदरसा संचालन का आरोप लगा था।

इस मामले में पुलिस ने मदरसा प्रबंधक समेत तीन शिक्षकों पर किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया था। इसी दौरान आंतकी शाहनवाज के तार सिरौलीकलां से जुड़ने के बाद स्पेशल टीम यहां आई थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र ने सिरौलीकलां में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। इसी के चलते पुलभट्टा पुलिस ने सिरौलीकलां में बाहरी संदिग्धों के सत्यापन का कार्य बारीकी से शुरू कर दिया और रविवार को जामिया नगमा खातमा मदरसे में छापेमारी की।  

संचालक की कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस

पुलिस को मदरसा संचालक इरशाद के आय के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। चार बीघा सिरौलीकलां वार्ड 18 में तीन मंजिला बिल्डिंग बनाने के बाद इरशाद ने यहां मदरसा खोल दिया। जबकि उसकी पत्नी खातून बेगम ने बताया कि उनके स्वयं के बच्चे पीलीभीत में डिग्री कॉलेज में पढ़ते हैं। पुलिस इरशाद को बाहरी फंडिंग समेत सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। फिलहाल आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। वहीं बरामद बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है।  

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