ज्योलीकोट में बच्चे का यौन और शारीरिक शोषण, पोक्सो एक्ट के तहत मौलवी-बेटे पर मामला किया दर्ज

उत्तराखंड के इस शहर में मदरसे को लेकर बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है।  मामला का खुलासा करने के बाद पुलिस ने सख्त ऐक्शन लिया है। मदरसों को लेकर मामले की जांच की जा रही है। नैनीताल के निकट ज्योलीकोट में बिना पंजीकरण चल रहे मदरसे में बच्चों का यौन और शारीरिक शोषण किया जा रहा था।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मदरसे को सील कर दिया है। साथ ही मदरसे के मौलवी, उसके बेटे के खिलाफ पॉक्सो सहित आईपीसी की अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। ज्योलीकोट के समीप वीरभट्टी पुल से कुछ दूरी पर अंजुमन इकरा नाम के मदरसे में बच्चों को तालीम दी जा रही थी। कुछ दिन पूर्व मो. अफजल ने नैनीताल के डीएम के पास मदरसे के पंजीकण और अव्यवस्था को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी।

डीएम के निर्देश पर रविवार को मल्लीताल पुलिस सहित की टीम मदरसे के निरीक्षण को पहुंची। जांच में पता चला कि 2010 से संचालित मदरसे को मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। यहां 24 बच्चे धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इन बच्चों की सेहत बहुत खराब थी।

साफ-सफाई की ठीक व्यवस्था न होने के कारण लगभग सभी बच्चों की त्वचा पर फोड़े व घाव बने हैं। एक बच्चा टीबी का मरीज भी थी। बच्चों ने मदरसे के मौलवी के बेटे पर यौन शोषण व अश्लील हरकतें करने के गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद तत्काल मदरसे को सील कर दिया गया। सभी 24 बच्चों को बाल कल्याण संस्था के संरक्षण में हल्द्वानी भिजवा दिया गया है।

मदरसे के मौलवी मोहम्मद हारुन का दावा है कि बीमार बच्चों का उपचार किया जा रहा है। जहां तक खाना और गंदे पानी की बात है तो वह भी वही भोजन और पानी इस्तेमाल करते हैं। मारपीट और अश्लील हरकतों से जुड़े सभी आरोप बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मदरसा वक्फ बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।

मदरसे को सील कर दिया गया है। मदरसे के मौलवी मो. हारून और उसके बेटे इब्राहिम के खिलाफ पॉक्सो, किशोर न्याय अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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