सिक्किम में बाढ़ ने मचाई तबाही, 22 जवानों समेत 58 लोगों लापता, बचाव और राहत कार्य जारी
बाढ़ के कहर का सामना कर रहे सिक्किम में मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। पहले 22 जवानों की तलाश जारी है। इसी बीच खबर है कि देशभर से आए हजारों ज्यादा पर्यटक भी बाढ़ में फंस गए हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सेना के जवानों समेत 58 लोगों की तलाश जारी है। वहीं, अब तक 4 शव बरामद हो चुके हैं। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य जारी है।
उत्तरी सिक्किम के लाछेन और लाचुंग जैसे इलाकों में 3 हजार से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट नेटवर्क के महासचिव सम्राट सान्याल का कहना है, ‘फंसे हुए पर्यटकों को निकालने का एकमात्र तरीका एयरलिफ्टिंग ही है। हालांकि, इलाके में अब तक बारिश हो रही है और बादल भी हैं, ऐसे में यह उपाय मुश्किल हो सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘हम उत्तरी सिक्किम में किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं साध पा रहे हैं।’ उन्होंने बताया वे खासतौर से वहां फंसे पर्यटकों की जानकारी हासिल करना चाहते थे। मंगन जिलाधिकारी एचके मंगन ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया, ‘सबसे पहला कामम घायल हो चुके लोगों को बचाना और लापता की तलाश करना है…।’ फिलहाल, लाछेन और लाचुंग जाने वाले सभी रास्ते बंद हैं। खास बात है कि मंगन और चुंगथांग के बीच कम से कम 4 पुल बह गए हैं।
सान्याल बताते हैं कि चुंगथांग में हालात ज्यादा खराब हैं। उन्होंने जानकारी दी, ‘हमें देश के कई हिस्सों से फंसे हुए पर्यटकों के बारे में जानकारी के लिए फोन आ रहे हैं, लेकिन हमारे पास उन्हें बताने के लिए कुछ नहीं है।’
लाछेन और लाचुंग के रास्ते और पुल के अलावा भी कई मार्ग प्रभावित हुए हैं। इनमें सिक्किम और कलिमपोंग को देश से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 10 भी शामिल है। बांध और पुलों के बह जाने के चलते तीस्ता ऊर्जा प्रोजेक्ट को भी खासा नुकसान हुआ है।
सेना के कैंप पर असर
पाकयोंग जिले के बारदांग में स्थित सेना के कैंप को भी उफनती तीस्ता नदी का सामना करना पड़ रहा है। पाकयोंग के ही एक अधिकारी ने जानकारी दी कि लापता हुए कुछ लोग और सेना के जवान दबे हो सकते हैं। उन्होंने कुछ लोगों के तीस्ता नदी में बहने की भी आशंका जताई है और बताया है कि बचाव कार्य जारी है।