सीएम धामी ने कैबिनेट विस्तार के दिए संकेत, भाजपा विधायकों में हलचल हुई तेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से कैबिनेट विस्तार के संकेत मिलने के बाद विधायकों में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में अनुसूचित जाति और ओबीसी कोटे के एक-एक विधायक को जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है। धामी मंत्रिमंडल में फिलहाल चार पद रिक्त हैं।
पहले बागेश्वर उपचुनाव का नतीजा आने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे थे। नतीजा आए हुए एक माह से ज्यादा वक्त हो चुका पर मंत्रिमंडल में सीट के दावेदारों की मुराद पूरी नहीं हुई। ऐसे में अब विधायकों की धड़कनें और बढ़ने लगी हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने दायित्वों की तरह ही कैबिनेट विस्तार के संकेत दिए हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल अपना पूरा आकार ले लेगा।कैबिनेट में अभी दो बड़े जिलों हरिद्वार और नैनीताल जिले से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। हालांकि, हरिद्वार से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में सिर्फ तीन सीटें आई थीं। इसके उलट नैनीताल की छह में से पांच सीटें भाजपा की झोली में आई थीं।
माना जा रहा है कि इन दोनों ही जनपदों से एक-एक विधायक को कैबिनेट में एडजस्ट किया जा सकता है। चूंकि देश में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की तरफ से ओबीसी का मुद्दा उछाल दिया गया है लिहाजा प्रदेश में भी ओबीसी को लेकर सियासत गरमा गई है। ऐसे में मंत्रिमंडल में हरिद्वार के बीएचईएल रानीपुर विधायक आदेश चौहान की किस्मत खुल सकती है।
उधर, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद अनुसूचित जाति से भी एक विधायक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इस दौड़ में कई विधायकों के नाम शामिल हैं। इनमें घनसाली के शक्ति लाल शाह, नैनीताल की सरिता आर्य और राजपुर रोड विधायक खजान दास के नाम सियासी गलियारों में तैर रहे हैं।
दो अन्य पदों के लिए भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा, डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, नैनीताल के लालकुंआ विधायक डॉ.मोहन सिंह बिष्ट, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली व देवप्रयाग के विनोद कंडारी के नाम की चर्चाएं हैं।
मालूम हो कि 15 अक्तूबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं और उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर दो दिवसीय दुबई यात्रा पर जाएंगे। लिहाजा मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही होने की संभावना है।
मंत्रिस्तर के दर्जे को लेकर लॉबिंग
मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही जिन 10 वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपें है, उन्हें अभी कैबिनेट व राज्यमंत्री स्तर का दर्जा नहीं दिया है। अब ये दायित्वधारी स्तर पाने के लिए जुगाड़बाजी में लगे हैं। दरअसल, कैबिनेट मंत्री स्तर को प्रतिमाह 45 हजार तो राज्यमंत्री स्तर दर्जाधारी को 40 हजार मानदेय मिलता है।
इसके साथ ही सरकारी वाहन न होने की दशा में 60,000 और कार्यालय न होने पर आवास भत्ते के लिए 25 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। वहीं, जिन महानुभावों को कोई स्तर नहीं मिल पाता उन्हें प्रतिमाह 35 हजार मानदेय देने का प्रावधान है।