गणेश जी के ये 11 सरल मंत्र ख़त्म करेंगे हर संकट, इन नियमों के साथ करें जाप

हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य आरम्भ करने से पहले प्रभु श्री गणेश की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सारी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं। वही इस बार गणेश चतुर्थी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। अंग्रेजी महीने के अनुसार, यह सितंबर माह की 19 दिनांक को पड़ रही है। 10 दिन चलने वाले इस पर्व की धूम पूरे भारत में देखने को मिलेगी। इस के चलते भक्त गणपति की निरंतर 10 दिन तक पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। वही इस दिन पूजा-पाठ, व्रत और मंत्रों के जाप से श्रीगणेश जल्द ही प्रसन्न होते है तथा भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. प्रभु श्री गणेश की पूजा में मंत्रों का जाप करने से सारे बिगड़े कार्य बनने लगते हैं तथा कई ग्रह दोषों से भी मुक्ति प्राप्त होती है. आइये आपको बताते हैं गणेशजी के कुछ सरल मंत्रों के बारे में.

गणपति के सरल और प्रभावी 11 मंत्र
॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
यह गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है. सच्चे मन एवं श्रद्धा से इस मंत्र का जाप करने से कार्य में आने वाली अड़चनें दूर होती है.

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ करके बैठ जाएं तथा इसके बाद 7 से 21 बार इस मंत्र का जाप करें. अगर आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर रहे हैं तो हवन, पूजा, आरती से पहले इस मंत्र का जाप करें.

॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
इस मंत्र के जाप से प्रभु श्री गणेश प्रसन्न होते हैं तथा श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या यानी 1 से 10 माला जाप कर सकते हैं.

‘ॐ ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’
यह मंत्र बुध ग्रह से संबंधित है. कुंडली में बुध ग्रह दोष को दूर करने करे लिए इस मंत्र का बुधवार के दिन करें.

‘ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।’
यह गणेश कुबेर मंत्र है आप रोजाना इस मंत्र की एक माला यानी 108 बार जाप करें. इससे पैसों से जुड़ी दिक्कतें दूर होती है.

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

इस मंत्र के जाप से घर के सारे कलह-क्लेश दूर होते हैं. घर खुशियों से भरा रहता है तथा धन, धान्य संपत्ति, समृद्धि, वैभव, विद्या, पराक्रम, शांति की प्राप्ति होती है.

‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’
इस मंत्र जाप तब करें जब आप पूजा में प्रभु श्री गणेश को दुर्वा चढ़ा रहे हों. प्रभु श्री गणेश को दुर्वा अतिप्रिय है. दुर्वा चढ़ाते वक़्त इस मंत्र के जाप से बप्पा प्रसन्न होते हैं.

‘ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’
इस मंत्र का जाप करने से शादी में आ रही बाधा दूर होती है. जिन व्यक्तियों के विवाह में देरी हो रही हो, वो इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
इस मंत्र के जाप से नौकरी-व्यवसाय से जुड़ी समस्या दूर होती है.  

ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं
यह मंत्र चार अक्षरों का सरल मंत्र है. आप प्रभु श्री गणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का 108 जाप कर सकते हैं. इससे सुख-संपत्ति एवं समृद्धि प्राप्त होती है.

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