उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर HC सख्त, दिया यह आदेश…

उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल ने सख्त रुख अपनाया है। उत्तराखंड सरकार की छह माह का समय देने की अपील को खारिज कर कोर्ट ने आखिरी मौका देते हुए तीन माह के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति करने को कहा है।

मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने यह भी कहा कि जब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती, कर्मचारियों को लोकायुक्त कार्यालय से वेतन ना दिया जाए। चाहे तो सरकार उनसे अन्य विभाग के कार्य लेकर उन्हें भुगतान कर सकती है।

हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की। जबकि लोकायुक्त के नाम पर हर साल दो से तीन करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है पर उत्तराखंड में तमाम घोटाले होने के बावजूद लोकायुक्त की तैनाती नहीं हो रही। हर एक छोटे से छोटा मामला उच्च न्यायालय में लाना पड़ रहा है।

सभी जांच एजेंसियां सरकार के अधीन जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में उत्तराखंड की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन हैं। जिनका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनीतिक नेतृत्व के हाथों में है। प्रदेश में कोई भी जांच एजेंसी ऐसी नहीं जो बिना शासन की पूर्व अनुमति के किसी भी राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करा सके।

विजिलेंस भी पुलिस का हिस्सा

प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के नाम पर प्रचारित की जा रही विजिलेंस भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है। जिसका पूरा नियंत्रण मुख्यमंत्री कार्यालय, पुलिस मुख्यालय के पास ही रहता है। इसलिए पूरी तरह पारदर्शी, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच व्यवस्था के लिए लोकायुक्त की तैनाती जल्द से जल्द होनी चाहिए।

उत्तराखंड सरकार की अपील खारिज

उत्तराखंड सरकार की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई थी कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए छह माह का समय दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker