दिल्ली अफसर ने दोस्त की बेटी को महीनों तक बनाया हवस का शिकार, इस तरह हुआ खुलासा

नई दिल्ली, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत उपनिदेशक दोस्त की नाबालिग बेटी से महीनों तक दुष्कर्म करता रहा। पीड़िता के गर्भवती होने पर आरोपित की पत्नी ने गर्भपात की दवा खिला दी।

पीड़िता को सात अगस्त को अचानक एंजाइटी अटैक आ गया। उसकी मां ने उसे सेंट स्टीफेंस अस्पताल में भर्ती कराया। वहां पर मनोचिकित्सक की निगरानी में उसे रखा गया।

काउंसलिंग के दौरान पीड़िता ने सुनाई आपबीती

काउंसलिंग के दौरान पीड़िता ने अपने साथ हुई पूरी घटना के बारे में अपनी मां और चिकित्सक को बताया। इसके बाद अस्पताल की तरफ से बुराड़ी पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। मामले में 11 अगस्त को पॉक्सो समेत विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई। फिलहाल मानसिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से पीड़िता का अस्पताल में उपचार चल रहा है। अभी वह मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने की हालत में नहीं है।

12वीं की छात्रा है पीड़िता

पुलिस के अनुसार, पूर्वी दिल्ली की रहने वाली पीड़िता के माता-पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य थे। वह 12वीं की छात्रा है। पीड़िता ने बताया कि वह परिवार सहित बुराड़ी के चर्च में जाती थी। वहां आरोपित उपनिदेशक परिवार सहित आता था। चूंकि दोनों परिवार एक ही प्रदेश से हैं, इसलिए घनिष्ठता बढ़ गई थी।

पिता की मौत होने से परेशान रहने लगी थी पीड़िता

एक अक्तूबर 2020 को पिता की मौत होने से वह परेशान रहने लगी। इस पर उपनिदेशक 14 वर्षीय पीड़िता को अपने घर लेकर आए। आरोपित ने नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच कई बार नाबालिग से दुष्कर्म किया।

इस बीच पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने आरोपित की पत्नी को इस बारे में बताया। आरोपित की पत्नी ने चुप रहने की सलाह देते हुए बेटे से गर्भपात की दवा मंगाई और पीड़िता को खिला दी।

बीती 16 जनवरी को जन्मदिन पर जब मां मिलने आई तो वह उनके साथ अपने घर चली गई। इसके बाद भी आरोपित उससे संपर्क करने की कोशिश करता था। चर्च जाने के दौरान अक्सर उसके साथ अश्लील हरकत करता था। इसलिए उसने इस साल जुलाई से चर्च जाना भी छोड़ दिया। इसके अलावा आरोपित स्कूल में भी पीड़िता को परेशान करता था। ऐसे में पीड़िता ने स्कूल जाना भी छोड़ दिया था।

11 अगस्त को दर्ज हुआ मामला, छानबीन जारी

सात अगस्त को जब पीड़िता को एंजाइटी अटैक आया तब मामला सामने आया। 11 अगस्त को एफआइआर दर्ज करने के बाद आरोपित उपनिदेशक से पूछताछ तो हुई, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई है। उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी का कहना है कि पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बुराड़ी थाने में मामला दर्ज किया गया था। 17 वर्षीय लड़की के पिता की मौत अक्टूबर 2020 में हो गई थी। बाद में लड़की को उसके मृत पिता के पारिवारिक मित्र के आवास पर भेज दिया गया, जो अब मामले में आरोपी (दिल्ली सरकार का अधिकारी) है।

नवंबर-दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में उसके स्थानीय अभिभावक (दिल्ली सरकार के अधिकारी) ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसने यह बात आरोपी की पत्नी को बताई तो महिला ने उसे धमकाया और उसका गर्भपात भी करा दिया। लड़की तनाव और दबाव में रही। घटना के बाद उसे पैनिक अटैक का भी सामना करना पड़ा। उसके इलाज के दौरान ये बात सामने आई। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की बयान देने के लिए फिट नहीं है। लड़की का बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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