UP: लखनऊ में चार्जिंग के दौरान तेज धमाके के साथ स्कूटी में लगी आग, इलाके में मचा हड़कंप

लखनऊ, ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। बुधवार को ठाकुरगंज के हरिनगर में चार्जिंग के दौरान स्कूटी में तेज धमाके के साथ आग लग गई। धमाके की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया। धीरे-धीरे आग पूरे घर में फैल गई। आग की चपेट में आकर तीन लोग घर में फंस गए। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

एफएसओ चौक के मुताबिक जल निगम रोड स्थित हरिनगर निवासी मो. नसीम घर में ही स्कूटी चार्ज कर रहे थे। नसीम ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे तेज धमका हुआ। परिवार के लोग घर के बाहर आए तो बरामदे में काले धुंए का गुबार और आग की लपटे फैल गई थी। तुरंत फायर स्टेशन पर सूचना दी गई। करीब 15 मिनट बाद दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। तब तक धुआं पूरे घर में फैल चुका था। घर में तीन लोग फंस गए थे। दमकल कर्मियों ने जैसे-तैसे उन्हें बाहर निकाला।

एक्सपर्ट ने इन वजहों को बताया जिम्मेदार

  • कई हादसों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ई-स्कूटरों में आग क्यों लग रही है। एक्सपर्ट्स सबसे पहले इसके लिए बैटरी को जिम्मेदार बताते हैं। उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैटरी ही ऐसा हिस्सा है, जहां आग लग सकती है। इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है।
  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिथियम आयन बैटरी वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए। साथ ही गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए।

ई-स्कूटरों में किन बैटरियों का इस्तेमाल होता है?

  • ई-स्कूटरों में लिथियम-आयन यानी ली आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है। आजकल दुनियाभर में स्मार्टफोन से लेकर लैपटाप और इलेक्ट्रिक कार से लेकर स्मार्टवाच तक में इन्हीं बैटरियों का इस्तेमाल हो रहा है।
  • ये बैटरियां अन्य बैटरियों की तुलना में ज्यादा ताकतवर और हल्की माना जाती हैं। हालांकि, इन बैटरियों से आग लगने का भी खतरा रहता है, जैसा कि ई-स्कूटरों में हाल के दिनों में नजर आया है।
  • जो खास बातें लिथियम-आयन बैटरियों को अन्य बैटरियों की तुलना में बेहतर बनाती हैं, वे हैं उसका हल्का होना, हाई एनर्जी डेंसिटी और रिचार्ज करने की क्षमता। इसके साथ ही लिथियम-ऑयन बैटरियां लेड एसिड बैटरियों की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक चलती हैं।

लिथियम-आयन बैटरियों की सबसे बड़ी खासियत हाई एनर्जी डेंसिटी है, यानी आम बैटरियों से ज्यादा एनर्जी। लेकिन, यही बैटरी में खराबी की वजह भी हो सकती है। जानकारों के मुताबिक, इन बैटरियों की हाई एनर्जी डेंसिटी का मतलब है कि ये सेल कुछ परिस्थितियों में अस्थिर हो सकते हैं, जो इसकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

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