बिहार: जीने की चाह और डॉक्टरों की मेहनत से युवक की बची जान, बदमाशों ने गर्दन में मारी थी गोली
जमुई। बिहार के जमुई में पहली बार डाक्टर नीरज साह के प्रयास से भागलपुर रेफर किए गए युवक की गर्दन में फंसी गोली को ऑपरेशन करके निकाल लिया गया है। इससे युवक की जान बच गई।
ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया के डॉक्टर प्रीतम भी सहयोगी के रूप में शामिल रहे। घायल युवक की पहचान लक्ष्मीपुर बाजार निवासी दिनेश प्रसाद साह के पुत्र सतीश कुमार साह के रूप में हुई है।
युवक को कैसे लगी गोली
युवक संग्रामपुर में रहकर सीएसपी चलाता है। बताया जाता है कि बुधवार शाम सतीश कुमार साह एसबीआई बैंक संग्रामपुर शाखा से 1,30,000 लाख रुपये लेकर अपनी बाइक से जा रहा था।
इस दौरान बेलहर थाना क्षेत्र के गोरगामा गांव के पास बाइक सवार तीन नकाबपोश बदमाशों ने चकमा देकर युवक को गिरा दिया। इसके बाद युवक से पैसों से भरा बैग छीनने लगे।
काफी देर तक अपराधियों और युवक के बीच छीना-झपटी हुई। अपराधी पैसों से भरा बैग छीनने में जब असफल रहे तो गोली चला दी। इससे गोली युवक की गर्दन में जाकर धंस गई।
गोली मारकर भागे अपराधी
इसके बाद स्थानीय लोगों को आता देखकर सभी अपराधी फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने युवक को इलाज के लिए बेलहर पीएचसी में भर्ती कराया, जहां गर्दन में गोली फंसे होने की वजह से उसे भागलपुर रेफर कर दिया गया।
हालांकि, स्वजन घायल युवक को लेकर देर रात डॉक्टर नीरज साह के जमुई स्थित क्लीनिक पहुंचे। यहां डॉक्टर साह ने युवक के मजबूत हौसले को देख और डॉक्टर प्रीतम के सहयोग से ऑपरेशन किया। इससे युवक की जान बच गई।
अब युवक खतरे से बाहर
बताया जाता है कि गोली गर्दन के नाजुक जगह पर फंसी थी। गोली को निकालना काफी कठिन था। जमुई से उसे हायर सेंटर के लिए रेफर भी किया गया था।
हालांकि, चिकित्सकों के प्रयास से ऑपरेशन सफल रहा और गोली निकाल ली गई। अब युवक खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
पीड़ित परिवार ने भी चिकित्सकों को धन्यवाद दिया है। डॉक्टर साह ने बताया कि ऐसा ऑपरेशन पहली बार जमुई में किया गया है, जो कि सफल रहा है।