मणिपुर: भीड़ ने सुरक्षा बल की 2 बसों में लगाई आग, कोई हताहत नहीं

इंफाल, मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच लगातार हिंसा बढ़ रही है। वहीं, अब मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने कर्मियों को ले जाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो बसों में आग लगा दी। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।

यह घटना सपोरमीना में उस समय घटी जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं।

अधिकारियों ने कहा कि युद्धरत समुदायों में से एक समुदाय के लोगों के एक समूह ने मणिपुर पंजीकरण संख्या वाली बसों को सपोरमीना में रोक दिया और जोर देकर कहा कि वे जांच करेंगे कि दूसरे समुदाय का कोई सदस्य उसमें था या नहीं।

उनमें से कुछ ने बसों में आग लगा दी।

लगभग तीन महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

सरकार चर्चा के लिए तैयार है- गृह मंत्री शाह

मणिपुर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच भी घमासान मचा हुआ है। मणिपुर पर चर्चा को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हावी होता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं, लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को लिखा है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है और उनसे इस संवेदनशील मामले पर चर्चा के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया है।

नई सहकारी नीति लाएगी सरकार- अमित शाह

साथ ही लोकसभा में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम इस साल विजयादशमी या दिवाली से पहले एक नई सहकारी नीति लाएंगे।

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