महाराष्ट्र: मानसून सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ लगाए नारे

मुंबई, महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में विधायक विधान भवन की सीढ़ियों पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

एनसीपी से कोई भी विधायक नहीं हुआ प्रदर्शन में शामिल

शिवसेना (यूबीटी) की ओर से केवल अंबादास दानवे, जो राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं, विरोध के दौरान मौजूद थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी खेमे का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था। शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार समूह) सहित विपक्षी खेमे ने रविवार को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया।

लोगों की समस्याओं को हल करने में विफल रही कांग्रेस

दानवे ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के हाई टी निमंत्रण का बहिष्कार करने का फैसला किया है, क्योंकि यह कई मोर्चों पर लोगों की समस्याओं को हल करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “संवैधानिक मानदंडों पर इस सरकार की वैधता पहले से ही सवालों के घेरे में है।”

विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रह सरकार

दानवे ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सरकार ने विपक्ष पर दबाव बनाने और उन्हें सरकार में शामिल होने या झूठे आरोपों और उत्पीड़न का सामना करने के लिए मजबूर करने के लिए जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में लोकतंत्र की एक भयावह तस्वीर देख रहे हैं, क्योंकि कई संवैधानिक मानदंडों की अवहेलना की गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री स्वयं अयोग्यता का सामना कर रहे हैं।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker