हरिद्वार में जलभराव से निपटने और राहत-बचाव कार्यों के लिए सेना टुकड़ी तैनात

हरिद्वार में जलभराव से निपटने और राहत-बचाव कार्यों के लिए सेना को भी उतार दिया गया है। शुक्रवार सुबह से जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन के साथ ही बीईजी (बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप सेंटर) की दो टीमों ने मोर्चा संभाल लिया। एक टीम को हरिद्वार और दूसरी को रुड़की में तैनात किया गया है। दोनों टीमों में 75 जवान शामिल हैं।

शुक्रवार को अपर सचिव-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सविन बंसल ने बताया कि हरिद्वार में इस वक्त खानपुर, लक्सर और नारसन ब्लॉक के दो गांव अति संवेदनशील और 12 गांव संवेदनशील स्थिति में हैं। सेटेलाइट से विशेष तकनीकि की मदद से संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है।

सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम में प्रेस कांफ्रेंस में अपर सचिव ने बताया कि जलभराव से प्रभावित गांवों के लोगों को स्थानीय राहत कैंपों में लाया जा रहा है। आपदा राहत-बचाव कार्यों के लिए हरिद्वार प्रशासन को 20 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। वहीं,यूकाडा के ऑपरेशन हेड समीर सिंह ने बताया कि गढ़वाल क्षेत्र के लिए तैनात हेलीकॉप्टर ने हरिद्वार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत और दवाई का वितरण किया।

कहां कितने प्रभावित

तहसील लक्सर क्षेत्र में 33 गांव प्रभावित हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 81 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में रखा गया है। इसमें 2775 परिवार प्रभावित हैं। तहसील रुड़की में 22 गांव प्रभावित हैं। वहीं, 750 परिवारों के करीब 3,200 लोगों को सहायता राशि वितरित की जा रही है। भगवानपुर तहसील में दो गांव बाढ़ प्रभावित हैं और 90 परिवारों के 380 लोगों को राहत सहायता वितरित की जा रही है।

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