ED का बड़ा दावा, दिनेश अरोड़ा शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की एक विशेष अदालत में आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई के गवाह रहे कारोबारी दिनेश अरोड़ा कथित घोटाले में ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में’ शामिल थे और आम आदमी पार्टी के नेताओं मनीष सिसोदिया तथा विजय नायर की ओर से काम कर रहे थे। ईडी ने अरोड़ा को लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार रात गिरफ्तार किया था।

ईडी ने शुक्रवार को दिनेश अरोड़ा को जज एम.के. नागपाल की मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट के समक्ष पेश किया। अदालत ने उन्हें चार दिन के लिए 11 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने अरोड़ा की रिमांड की मांग करते हुए आरोप लगाया, ”दिनेश अरोड़ा दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं जो (दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया और (आप संचार प्रभारी) विजय नायर की ओर से काम कर रहे थे। वह मनीष सिसोदिया और अन्य प्रमुख आप नेताओं के करीबी सहयोगी हैं।”

एजेंसी ने कहा, ”मनीष सिसोदिया के निर्देश पर दिनेश अरोड़ा विजय नायर से जुड़े और दिल्ली आबकारी घोटाले से संबंधित साजिश और धनशोधन के कृत्यों का हिस्सा बने।”

आम आदमी पार्टी (आप) ने 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति बनाने में और सिसोदिया के खिलाफ गड़बड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया है। इस मामले में सिसोदिया और नायर को ईडी और सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। सीबीआई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ और कुछ अन्य राजनेताओं, व्यापारियों और नौकरशाहों के खिलाफ दर्ज इस मामले की जांच करने वाली प्राथमिक केंद्रीय एजेंसी है।

दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल 16 नवंबर को दिनेश अरोड़ा को मामले में सरकारी गवाह बनाने की सीबीआई की याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था और उन्हें माफ कर दिया था।

सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा को 4 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा

अदालत ने शराब घोटाले से जुड़े एक मामले के आरोपी कारोबारी एवं सीबीआई के गवाह दिनेश अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शुक्रवार को चार दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने अरोड़ा की सात दिनों की हिरासत संबंधी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले में एक बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ आवश्यक है। इसके बाद विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने अरोड़ा को 11 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने कहा कि वह जवाब देने में टाल-मटोल कर रहे थे और एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 

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