सीधी पेशाबकांड में पीड़ित के सम्मान के बाद भी पार्टी में घमासान, BJP नेता ने इस्तीफा, जानिए वजह…
सीधी पेशाबकांड में हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। यह कांड अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग में रंग चुका है। एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पीड़ित का मान सम्मान और आर्थिक मदद कर इस दाग को धोना चाहते है तो वहीं इस मामले में उनकी पार्टी की अंतरकलह खुल कर सामने आ रही है।। उनके नेताओं को अपनी छवि बिगड़ने का डर सता रहा है। सीधी भाजपा के महामंत्री ने पेशाब कांड से काफी आहत और दुखी होकर इस्तीफा दे दिया है और भाजपा विधायक पर कई आरोप लगाए है।
सीधी भाजपा के जिला महामंत्री विवेक कोल ने प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को अपना इस्तीफ इस्तीफा भेज दिया है। मामले में निशाना साधते हुए विधायक केदारनाथ शुक्ला पर कई आरोप गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पात्र में लिखा कि मैं जब से पार्टी में शामिल हुआ तब से मैंने पार्टी के लिए पूर्ण निष्ठा से कार्य किया है परन्तु कुछ वर्षों से मैं लगातार सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के कृत्यों से आहत होता रहा हूं क्योंकि उन्होंने हर तरफ अपने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए आतंक मचा रखा है।
उन्होंने भाजपा विधायक पर आरोप लगाते हुए लिखा, “हड़बड़ो एवं डोल के पास छिरहट के आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा कर आदिवासी भाइयों पर अत्याचार किया गया। सीधी के व्यापारी सुनील भुर्तिया का अपहरण कर जानलेवा हमला करवाया और बाद में उसी सह आरोपी अम्बुज सिंह को मंडल अध्यक्ष बनवाया। साथ ही सीधी के कलाकारों और पत्रकारों को नंगा करके थाने में पिटवाना तो चल ही रहा था कि अब इनके प्रतिनिधि ने आदिवासी कोल समाज के एक भाई के चेहरे में पेशाब कर दिया जिस कारण से मैं पिछले 3 दिनों से बहुत व्यथित हूं और सो नही पा रहा हूं, मेरी बैचेनी बढ़ती ही जा रही है।”
पुराने किसी भी मामले में आज तक प्रशासन ने एक भी कार्रवाई नहीं की है। न ही इनके गुंडों के खिलाफ आज तक पुलिस ने कोई एक्शन लिया है। उन्होंने पत्र में लिखा, “हमारे आदिवासी समाज के भाइयों कि बैठक में ये निर्णय लिया गया कि भारतीय जनता पार्टी या तो अपराधियों को संरक्षण देने वालो को अपने पास रखे या हम आदिवासियों को। सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल भाजपा में जब तक रहेंगे तब तक मेरा यहां दम घुटता रहेगा, इसीलिए मैं आदिवासी भाइयों की लड़ाई बिना किसी दबाब के खुलकर लड़ना चाहता हूं और पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।”
बता दें, गुरुवार को तत्काल एक्शन लेते हुए CM ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। CM ने पीड़ित दशमत कोल को CM आवास बुलाकर उनके पैर धोए। आर्थिक मदद के साथ-साथ उनका सम्मान किया गया। पार्टी पर लगी इस कालिख को पोछने का काम CM शिवराज ने किया और मामले में पीड़ित पक्ष के लिए उदार और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन लेकर उन्होंने माहौल को फिर से सेट करने की कवायद की। लेकिन अब पार्टी के अंदर ही इस मसले पर कलह के हालात बने हुए हैं। सूबे में इस साल के आखिर में चुनाव हैं और आदिवासी वोटबैंक को अपने पाले में रखने के लिए भाजपा पूरी कवायद कर रही है। ऐसे में इस तरीके की आंतरिक संकट से पार्टी को जूझना पड़ सकता है।