गिलगित-बाल्टिस्तान में गहराया राजनीतिक संकट, नई सरकार के गठन को लेकर बन रहे गुट

इस्लामाबाद, गिलगित-बाल्टिस्तान की एक अपीलीय कोर्ट ने गत चार जुलाई को मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद की लॉ डिग्री जाली करार दिया और उन्हें अयोग्य ठहरा दिया। इस घटना के बाद से यहां राजनीतिक संकट गहरा गया है। यहां गुलाम जम्मू-कश्मीर जैसी स्थिति पैदा हो गई है। नए मुख्यमंत्री का चुनाव 13 जुलाई को कराया जाएगा। इसे लेकर राजनीतिक गुटबाजी चरम पर है।

असेंबली को कर दिया गया था सील

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नेता खालिद खुर्शीद की डिग्री पर अदालत का फैसला आने से एक दिन पहले तीन जुलाई को नए मुख्यमंत्री का चुनाव कराया जाना था। पुलिस ने उस दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले ही गिलगित शहर में असेंबली की घेराबंदी कर दी। कर्मचारियों, सदस्यों एवं पत्रकारों को परिसर से निकाल कर असेंबली को सील कर दिया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई गिलगित-बाल्टिस्तान में तीन गुटों में बंट गई है। पिछली सरकार में वित्त मंत्री रह चुके जावेद मानवा ने पीटीआई के असंतुष्टों का ‘हम खयाल समूह’ गठित किया है। इसके अलावा हाजी गुलबार खान और अयोग्य ठहराए गए खालिद के भी गुट हैं।

क्या गठबंधन सरकार का होगा गठन?

इस बात के प्रबल संकेत हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के साथ गठबंधन सरकार बनेगी। ठीक ऐसी ही स्थिति गुलाम कश्मीर में भी हुई थी। 11 अप्रैल को गुलाम कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री और पीटीआई नेता तनवीर इलियास को हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सदन की सदस्यता और प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिया था।

इसके बाद हार्स ट्रेडिंग और पाकिस्तान सरकार एवं सेना के दबाव में पीटीआई विभाजित हो गई थी। चौधरी अनवारुल हक की अगुआई में गठित पीटीआई फारवर्ड ब्लाक ने पीएमएल-एन और पीपीपी के सहयोग से गठबंधन सरकार बनाई थी।

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