पेपर लीक मामला: HC ने परीक्षा खारिज करने पर लगाई मुहर, आयोग के फैसले को सही ठहराया
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द करने के फैसले पर मुहर लगा दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने गुरुवार को इस मामले में आयोग के परीक्षा रद्द करने के आदेश को सही ठहराया। कुल 916 पदों पर हुई भर्ती परीक्षा में 1.40 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
मामले के अनुसार, आयोग ने पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद बीते साल दिसंबर में स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द कर दिया था। आयोग ने परीक्षा दोबारा कराने की बात कही। पर इस परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों ने आयोग के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस संबंध में आयोग के अधिवक्ता हर्ष धानिक ने बताया कि अदालत के समक्ष एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के साथ नकल मामले में गिरफ्तार प्रिंटिंग प्रेस के लोग, टेक्नीशियनों एवं अभ्यर्थियों के बयान भी रखे गए।
इसमें गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पेपर व्हाट्सएप के जरिए व प्रिंटिंग करके भी बड़े स्तर पर कई अभ्यर्थियों तक पहुंचाया। इससे साबित होता है कि इस परीक्षा में बड़े स्तर पर नकल हुई। ऐसे में कोर्ट ने आयोग के परीक्षा रद्द करने के अदेश को सही माना। आयोग नौ जुलाई को स्नातक स्तरीय परीक्षा दोबारा कराएगा। इसमें 1.40लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने का अनुमान है। इसके लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। आयोग परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थियों को पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है।