छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने फिल्म आदिपुरुष को देखना पैसा और समय की बताई बर्बादी
रायपुर, आदिपुरुष फिल्म में बोले गए डायलॉग का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विरोध किया है। उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि आप अगर फिल्म देखने ही न जाएं तो बेहतर रहेगा। फिल्म के बारे में इतना पता चलने के बाद देखने जाना सही नहीं होगा। यह सिर्फ टाइम और पैसे की बर्बादी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फिल्म के जरिए हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। हमारे आराध्य के मुख से इस तरह के डायलॉग बुलवाना सही नहीं है। इस पर सेंसर बोर्ड को एक्शन लेना चाहिए और जो भी इसके पीछे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल फिल्म का विरोध कर रहे हैं। शनिवार को सीएम भूपेश बघेल ने फिल्म के संवादों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सवाल किया था कि हिंदुत्व के ठेकेदार राजनेता इस पर मौन क्यों हैं। रविवार को केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट किया है कि फिल्म में प्रभु श्रीराम, माता जानकी, वीर हनुमान एवं अन्य चरित्रों का फिल्मांकन जिस तरह से किया गया है। पात्रों के मुंह से जिस प्रकार से भद्दे डायलाग बुलवाए गए हैं। इससे करोड़ों लोगों की भावना आहत हुई है। मैं सीएम भूपेश बघेल से आशा करती हूं कि श्रीराम के ननिहाल में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देंगे।
फिल्म के बहाने पर भाजपा पर निशाना
छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेससाय सिंह टेकाम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि आदिपुरुष एक ऐसी फिल्म जो बीजेपी का दोहरा चरित्र दिखाती है, जो एक ओर भगवान श्रीराम में अपनी आस्था बताते हैं और दूसरी ओर भगवान का मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि कैसे इस फिल्म में हमारे आराध्य बजरंगबली को अभद्र भाषा बोलते हुए दिखाया गया? कैसे इस फिल्म में रामायण की कथाओं को गलत तरीके से पेश किया गया? आखिरकार कैसे सेंसर बोर्ड फिल्म को पास कर सकता है? हमर भांचा राम का यह अपमान हम नहीं सहेंगे, जिम्मेदारों को माफी मांगना पड़ेगी।
वहीं, हिंदू संगठन भी फिल्म को लेकर नाराज है। जगदलपुर में टाकीज से फिल्म के पोस्टर हटा दिए गए हैं। दृश्यों और संवाद को बदलने की मांग की जा रही है।