पूर्वी दिल्ली में 64 वर्षीय महिला और उसकी बेटी की हत्या, एक हफ्ते तक सड़ती रही लाशें
पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में 64 वर्षीय एक महिला और उसकी बेटी की हत्या के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। बुजुर्ग महिला राजरानी और उसकी बेटी गिन्नी करार की लाशें एक हफ्ते से उनके फ्लैट में पड़ी हुई थीं, लेकिन उनके पड़ोसियों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कुछ पता नहीं चला। बुधवार शाम जब पुलिस आखिरकार फ्लैट में दाखिल हुई, तो उसने दोनों शवों को बुरी तरह से सड़ी-गली हालत में पाया। मां-बेटी के शवों में कीड़े पड़ गए थे और उनकी चमड़ी तक उतर गई थी।
कृष्णा नगर में चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर 64 वर्षीय महिला अपनी 30 वर्षीय बेटी के साथ रहती थी। कई दिन से इस इमारत में काफी दुर्गंध आ रही थी, लेकिन दूसरी मंजिलों पर रहने वाले लोगों को लगा कि बदबू का कारण मरा हुआ चूहा या टूटी हुई सीवर लाइन है। यहां तक कि उन्होंने पूरी बिल्डिंग की सफाई भी करवाई, लेकिन उनके दिमाग में कभी भी यह ख्याल नहीं आया कि किसी फ्लैट में कुछ गड़बड़ है। जब दुर्गंध दूर नहीं हुई तब जाकर उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी।
द टाइम्स ऑफि इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर रहने वाले विकास जैन ने कहा कि उन्होंने सभी चार मंजिलों, लिफ्ट, पार्किंग क्षेत्र और छत को साफ कराया था। जैन ने कहा, “इसके बाद भी जब दुर्गंध नहीं गई तो हमने आरडब्ल्यूए और फिर पुलिस को सूचित किया।”
करीब एक सप्ताह तक दोहरे हत्याकांड का पता नहीं चलने की एक वजह यह रही कि दोनों मां-बेटी कभी किसी से बात नहीं करती थीं और अपने आप तक सीमित रहती थीं। शायद ही कभी वो अपने किसी पड़ोसी से बातचीत करती थीं। वो अधिकतर घर के अंदर ही रहती थीं और रात को ही बाहर निकलती थीं जब वो अपनी बेटी के इलाज के लिए जाती थी या फिर नौकर और डिलीवरी बॉय उनके घर आते थे।
रात में उनके घर से आने वाली आवाजों के चलते कभी-कभी पड़ोसियों के साथ उनके मामूली झगड़े भी होते थे, जिन्होंने दावा किया था कि वे पहली मंजिल पर रात भर शोर से अक्सर परेशान रहते थे। बुजुर्ग महिला कथित तौर पर घरेलू नौकरों को बार-बार बदलती रहती थी।
बिल्डिंग में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति नरेंद्र जैन ने कहा “हम अक्सर डिलीवरी बॉय द्वारा देर रात हमारे दरवाजे की घंटी बजाने से परेशान होते थे और हमें उन्हें महिलाओं के फ्लैट तक ले जाना पड़ता था।”
राजरानी के पति हुकुम चंद की 2011 में मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, वह लोकसभा प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। दंपति की तीन बेटियां थीं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी थी और वो और गांधी नगर और गाजियाबाद में अपने-अपने परिवारों के साथ रहती थी। पति की मौत के बाद राजरानी और गिन्नी 2019 में ई ब्लॉक, कृष्णा नगर में शिफ्ट होने से पहले रोहिणी में रहती थीं। हालांकि, मृतक चार साल पहले कृष्णा नगर में रहने आई थीं, लेकिन स्थानीय लोग उनके बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। पुलिस ने पाया कि गिन्नी ऑटिस्टिक (बोलने में परेशानी) थी और उसे एक डॉक्टर की मदद की आवश्यकता थी। उसने दक्षिण दिल्ली के एक संस्थान से ललित कला में एमए किया था।
महिलाओं की सफेद कार पार्किंग में खड़ी थी और पिछले चार सालों में मुश्किल से ही चलाई गई थी। महिलाओं ने ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगा रखा था और मेन गेट पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा रखा था। एक पड़ोसी ने दावा किया, ”हमने कभी उनके रिश्तेदारों को उनके घर आते नहीं देखा।”
ई ब्लॉक, जहां पीड़ित रहता था एक पॉश इलाका है और यहां ज्यादातर कारोबारी परिवार यहां रहते हैं। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष चंदर अरोड़ा ने बताया कि इस ब्लॉक में 300 से अधिक परिवार रहते हैं। हत्याओं ने सोसाइटीवालों को झंकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने निवासियों को इलाके में गश्त और तेज करने का आश्वसन दिया है। पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे परिवार के किसी करीबी का हाथ है।