जिया की सुसाइड केस में सूरज पंचोली सबूतों के अभाव में हुए बरी

जिया खान सुसाइड केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। करीब एक दशक पुराने इस केस में कोर्ट ने आरोपी सूरज पंचोली को बेकसूर बताया है। 20 अप्रैल को स्पेशल जज एस सैय्यद ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। बता दें कि जिया की मौत के बाद पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया था। इसमें सूरज पंचोली के टॉर्चर और धोखे का जिक्र था। इस चिट्ठी के आधार पर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया था। जिया और सूरज रिलेशनशिप में थे। सूरज पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। वहीं जिया की मां का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या करके फांसी पर लटकाया गया है। 

बहन को मिला था जिया का लेटर

जिया खान 3 जून 2013 को अपने जुहू अपार्टमेंट में मृत पाई गई थीं। 7 जून को जिया की बहन को एक लेटर मिला जो जिया ने लिखा था। यह चिट्ठी जिया ने सूरज के नाम लिखी थी। 11 जून को पुलिस ने सूरज पंचोली को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। 1 जुलाई 2013 को सूरज पंचोली को जमानत मिल गई थी। 

मां ने लगाया था हत्या का आरोप

जिया खान की मां का आरोप था कि उनकी बेटी ने सुसाइड नहीं किया बल्कि उसकी हत्या की गई है। उनकी रिक्वेस्ट पर यह केस 2014 में सीबीआई को सौंपा गया। जांच एजेंसी ने 2016 में यह पुष्टि की कि जिया ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी न कि उनका मर्डर हुआ। 

पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी

साल 2021 में जिया खान की मां राबिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी। राबिया सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं थीं। उनका कहना था कि उनकी बेटी के शरीर पर चोटों के कई निशान हैं जो कि फांसी लगाने से नहीं हो सकते। राबिया का दावा था कि फॉरेंसिक जांच में मिले सबूतों से भी यह लग रहा है कि जिया की हत्या करके उसे फंदे से लटकाया गया। जिया को न्याय दिलाने के लिए उनकी मां ने कैंपेन भी चलाया। सोशल मीडिया पर उन्हें काफी सपोर्ट मिला था। 

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