आखिर क्यों गुड फ्राइडे पर नहीं देते बधाई और शुभकामनाएं

30 मार्च शुक्रवार को गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाया जाएगा भले इस त्यौहार को गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता हैं . लेकिन गुड जैसा कुछ नहीं है होता गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह हो सूली पर लटकाया गया था ईसाई धर्म गुरु बताते है कि दुनिया के पापो के कारण जीसस को दुःख झेलना पड़ा था और उन्हें अपना जीवन न्योछावर करना पड़ा. गौरतलब  है कि गुड फ्राइडे पर्व कि हर साल तारीख बदलती रहती है बाकि पर्व कि तरह गुड फ्राइडे पर बधाई और शुभकामनाऐं नहीं दी जाती. क्योकि यह शोक का पर्व है.

गुड फ्राइडे पर 12 लोगो के पैर धोते है पोप: गुड फ्राइडे के पहले यानि गुरुवार को इस पर्व कि शुरुआत हो जाती है. मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह ने अपने 12 शिष्यों के पैर धोए और उनके साथ अंतिम बार भोजन किया था. इसी  कि याद में चर्च के फादर 12 लोगो के पैर धोते है वहीं ईसाइयो के धर्म गुरु पोप भी वेटिकन सिटी में 12 लोगो के पैर धोते और चूमते है.

ईसाई धर्म का प्रमुख त्यौहार है गुड फ्राइडे: ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने कि याद में मनाया जाने वाला यह ईसाई धर्म का प्रमुख त्यौहार है. इस दिन लोग उपवास रहते है और चर्च में प्रार्थना सभा में भाग लेते है. साथ ही चर्च में  झांकी सजाई जाती है.कई तरह के आयोजन किए जाते है. गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार (संडे) को  ईस्टर संडे मनाया जाता है साथ ही मान्यता यह भी है ईसा अपनी मृत्यु के 3 दिन बाद फिर से जीवित हो गए थे. 

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