महाराष्ट्र: बजट सत्र के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा, दिन भर कार्यवाही रही स्थगित

महाराष्ट्र विधान परिषद में आज जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे की प्याज की गिरती कीमतों पर चर्चा की मांग के बाद विधान परिषद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। स्थगन का मतलब यह भी था कि परिषद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उपाध्यक्ष को लिखे पत्र पर तुरंत कार्रवाई नहीं कर सकी।

पत्र पर की थी ये मांग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने डिप्टी चेयरपर्सन को पत्र लिख मांग की थी कि विप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को उच्च सदन में शिवसेना का मुख्य सचेतक बनाया जाए। वर्तमान में, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) एमएलसी अनिल परब सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं।

विपक्ष की मांग

ठाकरे गुट से ताल्लुक रखने वाले दानवे ने मांग की कि उच्च सदन प्याज की कीमतों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करे, लेकिन डिप्टी चेयरपर्सन नीलम गोरहे ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के विधायकों के बीच जमकर बहस हुई और एक दूसरे पर आरोप लगाए। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-शिंदे खेमे के पास वर्तमान में उच्च सदन में बहुमत नहीं है। गोरे, जो ठाकरे खेमे से हैं, ने पहले ऊपरी सदन को दो बार स्थगित किया लेकिन हंगामा जारी रहा। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

एकनाथ शिंदे को मिला ‘धनुष-तीर’ चुनाव चिन्ह

एकनाथ शिंदे की ये मांग चुनाव आयोग द्वारा उनके खेमे को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे पार्टी का ‘धनुष-तीर’ चुनाव चिन्ह आवंटित करने के कुछ दिनों बाद आया है। स्थगन के बाद विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए दानवे ने कहा, ‘राज्य सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। हम चाहते थे कि प्याज की गिरती कीमतों और किसानों के संकट के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हो।’

गुस्से में किसान 

एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी, महाराष्ट्र के लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) में 26 फरवरी को प्रति किलोग्राम प्याज की कीमत 2 रुपये से 4 रुपये तक गिर गई। इसके बाद किसान काफी गुस्से में आ गए थे और रसोई के मुख्य स्टेपल की नीलामी को रोकने का फैसला किया था।

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