हॉस्टल की 9वीं मंजिल से कूदी पटना की मेडिकल की छात्रा, सुसाइड नोट में लिखा- सॉरी, मैं डॉक्टर नहीं…
लखनऊ के अमौसी स्थित टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा ने हॉस्टल के नौवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। छात्रा के कमरे से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया है। छात्रा मेडिकल की पढ़ाई नहीं करना चाहती थी। इसको लेकर वह दबाव में थी।
छात्रा मानसिक रूप से परेशान थी, जिसका इलाज भी चल रहा था। सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा है कि ‘सॉरी मम्मी-पापा, मैं डॉक्टर नहीं बन सकी। पटना में सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के चौधरी टोला की निवासी कौशल किशोर की बेटी मृणाल सिंह ने टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में सत्र 2022-23 में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। वह गर्ल्स हॉस्टल में ही रह रही थी।
शुक्रवार सुबह चीख सुनकर हॉस्टल की छात्राओं ने बाहर निकलकर देखा तो मृणाल फर्श पर लहूलुहान पड़ी थी। मेडिकल कॉलेज में ही डॉक्टरों की टीम ने छात्रा का इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
एसीपी कृष्णानगर विनय कुमार द्विवेदी के मुताबिक छात्रा हास्टल में नौवीं मंजिल पर रहती थी। प्रारंभिक जांच में हॉस्टल की बालकनी से छात्रा के कूदने की बात सामने आई है। मृणाल की मां कॉलेज से कुछ दूरी पर किराए पर कमरा लेकर बेटी की देखभाल के लिए रहती हैं।
वहीं, पिता कौशल किशोर महेंद्रू पोस्ट आफिस से कुछ दूरी पर कोचिंग चलाते हैं। वह खुद भी शिक्षक है। पुलिस मृणाल के पिता को इसकी सूचना दी। इधर, घटना की सूचना पाते ही वह सड़क मार्ग से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। पुलिस उनके लखनऊ आने का इंतजार कर रही है। कौशल के आने के बाद शव परिवारजन को सौंप दिया जाएगा।
शरीर के कई हिस्सों में चोट, हड्डियां टूटी
पुलिस ने छात्रा का कमरा सील कर दिया है। कालेज प्रबंधन ने पुलिस को बताया है कि कुछ दिन से छात्रा मानसिक तनाव में थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के शरीर के कई हिस्सों में चोट मिले हैं। हड्डियां टूटी हुई हैं। सिर में भी चोट है।
चार दिन पहले ही लखनऊ छोड़ने साथ गईं थीं मां
लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज की नौवीं मंजिल से संदिग्ध परिस्थिति में गिरकर एमबीबीएस की छात्रा मृणाल की मौत की सूचना मिलते ही पिता कौशल किशोर आपा खो बैठे। कुछ ही देर में उनके करीबी और रिश्तेदार भी घर पहुंच गए। मृणाल के पिता पटना के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के अशोक राजपथ पर महेंद्रू पोस्ट ऑफिस से कुछ दूरी पर कैपिटल कोचिंग नामक संस्थान चलाते हैं। खुद भी शिक्षक हैं।
पुत्री के निधन की सूचना मिलते सुबह करीब 11 बजे पिता सड़क मार्ग से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। घर के पास जुटे नजदीकियों की मानें तो मृणाल की मां अमरलता सिन्हा उसे लखनऊ छोड़ने के लिए चार दिन पहले सोमवार को ही उसके साथ गईं थीं। तब से वह बेटी के साथ ही ठहरी हुई थीं।
पड़ोसियों की मानें तो मृणाल के पिता दो-तीन दिनों से घर में अकेले ही थे। मृणाल की छोटी बहन कोटा में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी करती है। दो बेटियों में मृणाल बड़ी थीं। आसपास के लोगों ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां पढ़ाई में अव्वल थीं। उधर, मृणाल की मौत की खबर मिलते ही उसकी मां बार-बार बेहोश हो रही थीं। पुलिस ने मृणाल की मां को अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं, देर रात तक पिता कौशल किशोर लखनऊ पहुंचेंगे।
नोट में लिखा, नर्क हो गया है यहां रहना
पुलिस के मुताबिक मृणाल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि (लिविंग हीयर हैज बिकम अ हेल) यहां रहना नर्क हो गया है। मुझे मेडिकल की पढ़ाई नहीं करनी थी। दबाव बनाकर पढ़ाई करवा रहे थे। पढ़ाई के लिए डांटा जाता था। सॉरी, मम्मी-पापा मैं डाक्टर नहीं बन सकी। मुझे माफ कर देना। एसीपी कृष्णानगर के मुताबिक इस मामले में परिवारजन कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।