काला जादू, टोना-टोटका रोकने के लिए बने कानून, केरल HC में दायर की गई याचिका
केरल मानव बलि मामले के बाद से काला-जादू, टोना-टोटका जैसी अमानवीय कुरीतियों पर रोक लगाने की मांग तेजी से बढ़ गई है। कानून पारित करने की मांग को लेकर केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। 14 फरवरी को दायर किए गए इस याचिका पर प्रधान न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है।
कानून पारित करने में देरी क्यों?
प्रधान न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से सवाल किया है कि काला-जादू, टोना-टोटका जैसी अमानवीय कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए कानून को पारित करने में क्यों देरी हो रही है और इसका कारण क्या है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में दो हफ्ते बाद फिर से सुनवाई करेगा।
अंधविश्वासों से बढ़ रहे अपराध
केरल युक्ति वधी संगम द्वारा दायर रिट याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि राज्य में अंधविश्वासों से अपराध लगातार बढ़ते जा रहे है। वकील पीवी जीवेश के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘वर्तमान में, सामान्य दंड विधान में इसे प्रतिबंधित करने या अन्यथा निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं। केवल कर्नाटक और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य हैं, जहां इस संबंध में कानून पारित किए गए हैं।
याचिका में की गई ये मांग
याचिका में कानून सुधार आयोग की रिपोर्ट 2019 की सिफारिश पर विचार करने और ‘द केरल प्रिवेंशन ऑफ इरैडिकेशन ऑफ अमानवीय बुराई प्रथाओं, जादू-टोना और काला जादू विधेयक-2019’ के अधिनियमन के संबंध में निर्णय लेने की मांग की गई थी।
याचिका में मानव बलि और अन्य अमानवीय, बर्बर प्रथाओं और काले जादू आदि को अवैध घोषित करने और राज्य में काले जादू और जादू टोना केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई है। याचिका में अंधविश्वास की सामग्री वाली फिल्मों, धारावाहिकों, टेलीफिल्मों को अवैध घोषित करने की भी मांग की गई है।