मफर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेटे का RIMC में कराया एडमिशन, मुकदमा दर्ज
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआइएमसी) में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दिलवाने के मामले में कैंट कोतवाली में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
थानाध्यक्ष विनय कुमार के अनुसार संदीप शंकर लेफ्टिनेंट कर्नल एडीएम ऑफिस आरआइएमसी ने तहरीर दी है कि मालविका मित्र निवासी ग्राम प्रतापगढ़ पोस्ट हाट बहीरगाची रानाघाट थाना धनताल जिला नादिया वेस्ट बंगाल ने अपने पुत्र के फर्जी दस्तावेज बनाकर आरआईएमसी स्कूल में एडमिशन करवाया।
दस्तावेजों की जांच में यह गड़बड़ी पाई गई है। इससे पहले भी दो व्यक्तियों की ओर से फर्जी दस्तावेज के आधार पर कॉलेज में दाखिला दिलवाने का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस एक अभिभावक को गिरफ्तार कर चुकी है।
आइएमसी से 10 साल का रिकार्ड तलब
वहीं बीएएमएस की जाली डिग्री तैयार करने के मामले में आइएमसी (भारतीय चिकित्सा परिषद ) के अधिकारियों व कर्मचारियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती नजर आ रही हैं। पुलिस ने आइएमसी से 10 साल का रिकार्ड तलब किया है।
गिरोह के सरगना इमलाख ने 10 साल पहले से ही रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया था। पुलिस इस मामले में आइएमसी के कार्मिकों से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने एक अधिकारी व दो कर्मचारियों हिरासत में भी लिया है। शनिवार को पुलिस इसका पर्दाफाश कर सकती है।
जाली डिग्री के मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि झोलाछाप पिछले 10 साल से आइएमसी में पंजीकृत भी हैं। पंजीकरण के आधार पर ही उन्होंने प्रेक्टिस शुरू की थी।
दो साल पहले चार झोलाछापों की किसी ने शिकायत कर दी थी, जिसके कारण आइएमसी ने उनका पंजीकरण रद कर दिया था। इसके बावजूद झोलाछापों ने प्रेक्टिस जारी रखी। इसमें आइएमसी की एक और लापरवाही सामने आई कि फर्जीवाड़ा पकड़ने के बाद भी कोई पुलिस कार्रवाई नहीं कराई।
पुलिस ने गुरुवार को आइएमसी के कार्मिकों से काफी समय तक पूछताछ की थी। इस दौरान पुलिस के हाथ कई सुराग लगे हैं। इसी आधार पर पुलिस ने एक अधिकारी व दो कर्मचारियों को हिरासत में भी लिया है। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। इन कर्मचारियों की पंजीकरण में लापरवाही और मिलीभगत दोनों सामने आ रही हैं।