आईएएस अफसर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ली हाई कोर्ट की शरण

दिल्लीः उत्तराखंड हाई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी प्रशासनिक अधिकारी राम विलास यादव को बुधवार को विजिलेंस के सामने पेश होना होगा. जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 23 जून तक स्थिति स्पष्ट करने के आदेश देते हुए यह बात कही. यादव द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यादव को 22 जून तक अपना बयान विजिलेंस के सामने पूरे रिकॉर्ड के साथ दर्ज कराने की बात कहते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 23 जून को तय की है.

समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव यादव ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में अपने पर लगे आरोपों को एकदम गलत बताया. उन्होंने याचिका में उल्टे आरोप लगाते हुए कहा, जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की, उसी के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. दरअसल सरकार की ओर से कहा गया था कि विजिलेंस टीम के कई बार बुलाने पर भी यादव पेश नहीं हुए, लेकिन यादव ने याचिका में कहा, वह अपना पक्ष रख पाते, इससे पहले ही सरकार की बनाई गई कमेटी भंग कर दी गई.

आय से 500 गुना संपत्ति का क्या है राज़?
दरअसल आईएएस राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं. पहले वह उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं. विजिलेंस टीम ने हाल में लखनऊ, देहरादून व गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारकर संपत्ति सम्बन्धी दस्तावेज़ जुटाने और जांच में आय से 500 गुना अधिक संपत्ति मिलने का दावा किया था. इसी आधार पर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

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