उत्तर प्रदेश में जल्द बढ़ सकता है शिक्षामित्र और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय

लखनऊ : योगी सरकार शिक्षामित्र, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में जल्द वृद्धि कर सकती है। इसे लेकर बुधवार को हुई बैठक में शिक्षा सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अन्य राज्यों में इस तरह के संविदा कर्मियों समेत इनसे जुड़े अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई। हालांकि अभी इस पर ठोस निर्णय नहीं हो सका है लेकिन जल्द इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है। बता दें कि सरकार बजट में भी इसे लेकर प्रावधान कर चुकी है।

महिला आंगनबाड़ी संघ प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन कार्यकत्रियों ने डीएम को सौंपा। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन ग्रेचुटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग प्रमुख रही। प्रदेश उपाध्यक्ष मीरा दुबे की अगुवाई में कलक्ट्रेट गेट पर जुटी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने नारेबाजी की और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर गेट पर धरना देने लगीं। डीएम को सौंपे गए ज्ञापन में कार्यकत्रियों ने आंगनबाड़ी को 15 हजार व सहायिका को 10 हजार मानदेय देने, कार्यकत्री का सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन करने, गर्मी और सर्दी में 15-15 दिन का अवकाश देने, कुशीनगर के आंगनबाड़ी वर्कर का तीन माह का 2017 में कटान मानदेय दिलाने, प्री-प्राइमरी की ट्रेनिंग ले चुकीं आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी अध्यापक का दर्जा देने, पोषाहार वितरण में स्वयं सहायता समूह की संबद्धता समाप्त करने की मांग की।

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