न्याय के लिए गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी जरूरी: आइपीएफ

लखीमपुर खीरी की घटना पर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौपा
लखनऊ,संवाददाता।

न्याय के लिए, शांति के लिए और संविधान में दिए गए नागरिकों के मूल अधिकार के लिए लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद् से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने, आंदोलनरत किसानों की वाजिब मांग तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने को स्वीकार करने और बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के अधिकार की गारंटी करने तथा हर हाल में लोकतंत्र की रक्षा करने की मांगों पर आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रतिनिधिमण्ड़ल ने राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन एडीएम (प्रशासन), लखनऊ को सौपा। प्रतिनिधि मण्ड़ल में आइपीएफ नेता दिनकर कपूर, प्रदेश महासचिव उमाकांत श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश सिंह शामिल रहे।

आइपीएफ की केन्द्रीय वर्किंग कमेटी की तरफ से दिए ज्ञापन में कहा गया कि लखीमपुर घटना की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने स्वीकार किया है कि गृह राज्य मंत्री के पुत्र जांच में सहयोग नहीं कर रहे है और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

इससे यह स्पष्ट है कि अपने बेटे के निर्दोष होने और जांच में सहयोग करने की जो दलीलें गृह राज्य मंत्री दे रहे थे वह पूरे तौर पर झूठ था। यह भी ध्यान देने की बात है कि एफआईआर में गृह राज्य मंत्री का नाम भी 120 बी आईपीसी के तहत दर्ज है।

इसलिए गृह राज्य मंत्री किसानों के इस हत्याकांड की जबाबदेही से बच नहीं सकते और जब तक वह मंत्री पद पर बने रहेंगे जांच को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। इससे मृतक किसान परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा।

इसलिए लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद् से बर्खास्त किया जाए और एफआईआर के अनुरूप उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए।

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