China US World War 3: हैरी काजियानिस ने कहा चीन की बढ़ती शक्ति बनेगी तनाव का कारण

दिल्ली : अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से उपजे तनाव के बहाने चीन अपनी ‘कैरियर किलर’ मिसाइलों का अधिक परीक्षण करने की तैयारी में है. एक ‘युद्ध रणनीति विशेषज्ञ’ ने यह जानकारी दी. हैरी काजियानिस ने कहा, ‘चीन की DF21-D और DF-26D (डोंग फेंग या ‘ईस्ट विंड’) एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें संभावित रूप से अमेरिकी नौसेना और विशेष रूप से उसके विमान वाहक को ‘बहुत नुकसान’ कर सकती हैं.’

अमेरिकी मीडिया की जानकारी रखने वाले काजियानिस को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों, विशेष रूप से चीन की सेना के आधुनिकीकरण का विशेषज्ञ कहा जाता है. ‘दुष्ट राज्य परियोजना’ के अध्यक्ष काजियनिस ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि ‘पर्ल हार्बर पर एक और हमले की वजह चीन बन सकता है.’ उनका मानना ​​​​है कि चीन की बढ़ती शक्ति तनाव का कारण बनेगी क्योंकि वह खुद की तुलना में कम हो रहे अमेरिका के साथ संघर्ष करेगा और इससे तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है.

काजियानिस यह भी सोचते हैं कि ताइवान को चीन के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल हुए हथियारों के साथ लड़ना होगा और इसीलिए उसने राष्ट्र से अपनी सेना का आधुनिकीकरण करने का आह्वान किया है. काजियानिस ने 14 अगस्त को एक ब्रिटिश टैब्लॉयड एक्सप्रेस को बताया कि चीन के पास डोंगफेंग मिसाइलों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अमेरिकी नौसेना द्वारा उन सभी को बर्बाद करने ‘संभावना बेहद कम’ है.

पेलोसी की यात्रा पर बोलते हुए, काजियानिस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम निश्चित रूप से बहुत अधिक मिसाइल परीक्षणों की निरंतरता को देखने जा रहे हैं.’ इसके बाद उन्होंने चीन के लिए DF21-D और DF-26D मिसाइलों के बारे में बताया. इन्हीं मिसाइलों को बहुत सारे विशेषज्ञ ‘कैरियर किलर मिसाइल’ या ‘नेवी किलर मिसाइल’ कहते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘ये मिसाइलें विशेष रूप से चीनियों द्वारा बनाई गई थीं, इसलिए यदि ताइवान को लेकर युद्ध के हालात पैदा होते हैं और अमेरिकी नौसेना चीन के तट के 500 मील (805 किलोमीटर) के दायरे में आते हैं, तो उन्हें बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा.’

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