इस नयी तकनीक की मदद से एम्बुलेंस को मिलेगी ट्रैफिक से निजात

दिल्लीः तकनीक की मदद से एम्बुलेंस को मिलेगी ट्रैफिक से निजात।

उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या के रूप में है. राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अलग अलग जगहों में ट्रैफिक के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से पूर्व में कई दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां भी सामने आई हैं. ट्रैफिक क्लियर न होने के कारण एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है, जिससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार ट्रैफिक क्लियर न होने के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भी देरी हो जाती है और मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार इसका समुचित समाधान करने की तैयारी कर रही है

राज्य सरकार, प्रदेश के मरीजों को कम समय में अस्पताल पहुंचाने के लिए नई रणनीति बना रही है. इसके तहत चौराहे के आसपास एंबुलेंस के पहुंचते ही स्वत: ग्रीन कॉरिडोर बन जाएगा. यह संभव होगा एंबुलेंस में लगे जीपीएस और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के समन्वय से. इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है और जल्द ही गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है.

प्रदेश में मरीजों को किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े और वो सही समय पर अस्पताल पहुंच सकें इसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पॉस टाइम 15 मिनट है, तो वहीं 102 एम्बुलेंस सेवा का रिस्पॉन्स टाइम शहरी इलाके में 20 मिनट और ग्रामीण इलाके में 30 मिनट है. लेकिन विभिन्न चौराहों पर लगने वाले जाम की वजह से एंबुलेंस के पहुंचने में दोगुने से अधिक समय लग जाता है. शहरी इलाकों में तो जाम के
कारण कई बार एंबुलेंस घंटे भर में पहुंच पाती है. जबकि शासन की ओर से पहले से निर्धारित रिस्पॉस टाइम को और कम करने के निर्देश दिए गए हैं.

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