मां-शिशु को भावनात्मक रूप से जोड़ता है स्तनपान

हमीरपुर। जनपद की समस्त प्रसव इकाइयों में सोमवार को विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। जिला महिला अस्पताल में भर्ती गर्भवती और प्रसूताओं को स्तनपान के महत्व से रूबरू कराते हुए बताया गया कि स्तनपान शिशु स्वस्थ के लिए अमृत समान है।

जन्म के छह माह तक शिशुओं को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा.फौजिया अंजुम नोमानी ने अस्पताल के वार्ड में भर्ती महिलाओं को स्तनपान के महत्व से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि नवजात का सही पोषण मां के दूध से ही होता है।

जन्म के एक घंटे के अंदर ही नवजात को स्तनपान कराना चाहिए और यह सिलसिला शिशु के छह माह का होने तक निरंतर चलता रहना चाहिए। किसी भी तरह का ऊपरी आहार या पाउडर वाला दूध नहीं देना चाहिए। इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है।

इससे शिशु कुपोषण के भी शिकार हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी/एसीएमओ डा. पीके सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के जिला प्रबंधक सुरेंद्र साहू ने भी अपने विचार रखे।

इसी तरह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके रावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राठ के मैटेरनिटी विंग में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिशु के लिए मां के दूध के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि स्तनपान शिशु को बुद्धिमान बनाता है।

मां के पास जितना नवजात रहेगा उसमें उतनी भावनात्मक वृद्धि होती है, सुरक्षा का आभास रहता है। मां के दूध से शिशु कुपोषण का शिकार नहीं हो पाते हैं। इस कार्यक्रम में राठ सीएचसी का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker