छत्तीसगढ़ :हरेली त्योहार की खास तैयारी,परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य

दिल्लीः

छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार हरेली को लेकर राज्य सरकार द्वारा इस बार खास तैयारियां की गई हैं. स्थानीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन सरकार कर रही है. सरकार का दावा है कि लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ने के लिए इस तरह के आयोजन हो रहे हैं. बता दें कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढ़कर भागीदार सुनिश्चित कर सकें.

छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसके तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी.

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों, संभागायुक्तों को पत्र लिखकर गौठानों में पारंपरिक कार्यक्रम के साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व-सहायता समूह, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से हरेली तिहार के दिन गौठानों में कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा के संबंध में चर्चा करने को कहा है. हरेली तिहार के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा. गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका-छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी. हरेली तिहार के दिन किसानों को भी गौठानों में विशेष रूप आमंत्रित कर खेती-किसानी के संबंध में उन्हें समसमायिक सलाह देने के साथ ही उन्हें वर्मी कम्पोस्ट का खेती में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा.

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